VIDEO: राजकोट में प्रवासियों का बवाल, पत्रकार-SP का सिर फोड़ा, वाहन तोड़े, CM के आदेश मिलने पर 46 गिरफ्तार
राजकोट। गुजरात में राजकोट के शापर इंडस्ट्रियल एरिया में प्रवासी मजदूरों ने जमकर हंगामा मचाया। एक पत्रकार और जिले के एसपी पर जानलेवा हमला किया। इन प्रवासियों में ज्यादातर नवयुवकों की भीड़ थी। सड़क पर पत्थर रखकर वाहन रोके और तोड़फोड़ मचाते रहे। एक पत्रकार को युवकों ने घेर लिया। उसे सड़क पर पटककर पीटा। उसका सिर फोड़ दिया, जिससे खून बहने लगा। कुछ पुलिसकर्मियों ने उस पत्रकार को बचाया। युवकों ने उसका कैमरा भी छीन लिया था। इस घटना के वीडियो भी युवकों ने रिकॉर्ड किए। यह वीडियो सोशल साइट्स पर वायरल हो रहे हैं।
प्रवासियों ने जमकर काटा बवाल, पत्रकार को पीटा
संवाददाता ने बताया कि, भीड़ में शामिल ज्यादातर युवक बिहार और उत्तर प्रदेश जाने वाले थे। मगर, श्रमिक स्पेशल ट्रेनें रद्द होने के चलते वे भड़क गए। कहने लगे कि हमें अपने गृहराज्यों में नहीं भेजा जा रहा। उन्होंने वहां भूखे मरने की भी बात कही। ऐसे में वे बवाल काटने लगे। वहीं, जिला एसपी समेत पुलिस की गाड़ी भीड़ को नियंत्रित करने पहुंची। युवकों ने पत्थरबाजी की। उधर, एक पत्रकार को निशाना बनाए जाने पर वीडियो वायरल हुआ तो राज्यभर के पत्रकारों में आक्रोश उत्पन्न हो गया।
पत्थर फेंके, एसपी का सिर भी फोड़ दिया
पत्रकारों ने जिले की एसपी कचहरी पहुंचकर आरोपियों के विरुद्ध तुरंत ही कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। इस मामले की सूचना मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के पास भी पहुंच गई। तब मुख्यमंत्री ने रेन्ज आईजी को तुरंत कार्रवाई के आदेश दे दिए। पुलिस जाब्ता फिर घटनास्थल की ओर दौड़ पड़ा। कुछ ही घंटों के अंदर ही 40 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। बताया गया कि, कुल 46 आरोपी पकड़े गए। इन 46 में 5 नवयुवक वो थे, जिन्होंने बेरहमी से पत्रकार को पीटा था।
मुख्यमंत्री के आदेश मिले, पुलिस ने 46 गिरफ्तार किए
पीड़ित पत्रकार की पहचान हार्दिक जोशी के तौर पर हुई। वह प्रवासी श्रमिकों की कवरेज करने पहुंचे थे। तभी उन्हें युवकों ने पटककर गंदी गालियां दीं और सिर फोड़ दिया। हार्दिक के खून बहने लगा। उसका कैमरा भी छीन लिया गया। पत्रकार को कुछ स्थानीय लोगों ने छुड़ाया और पुलिस की मौजूदगी में उसे उग्र भीड़ से दूसरी जगह ले जाया गया। इस मामले में मुख्यमंत्री ने रेन्ज आईजी संदीपसिंह को तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए।
एसपी बलराम मीणा को भी निशाना बनाया गया
इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए खुद घायल होने के बावजूद एसपी बलराम मीणा ने टीम के साथ मिलकर वीडियो में दिखाई दे रहे शख्सों को खोजना शुरु कर दिया। कुछ ही घंटों में न सिर्फ पत्रकार पर हमला करने वाले 5 बल्कि श्रमिकों को हिंसा के लिए उकसाने वाले अन्य 41 को भी पकड़ा।
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