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कद छोटा होने की वजह से इन भाई-बहन को रिश्तेदारों ने भी नहीं दी थी शरण, खुद यूं संवारी जिंदगी- VIDEO

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राजकोट। आज भाई-बहन के बीच मनने वाला त्योहार रक्षाबंधन सेलिब्रेट किया जा रहा है। ऐसे में चर्चा में आए हैं, यहां के वामन-स्वरूप ऐसे भाई-बहन, जिनकी कहानी सुनकर आप भावुक हो जाएंगे। दरअसल, 7-8 साल पहले दोनों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया था। ये दोनों कद में छोटे हैं, इनके रिश्तेदारों ने भी इन्हें अपने यहां शरण नहीं दी। लिहाजा दोनों ने एक ट्रस्ट में किसी तरह एंट्री ली। अब दोनों ट्रस्ट में रहकर ही दूसरों की भलाई के काम करते हैं।

संवाददाता ने बताया कि, इन छोटे कद के भाई-बहन को इनके परिवार के सदस्यों ने छोड़ दिया था, लेकिन इन भाई-बहन ने कभी एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ा। हरेशभाई और चम्पाबेन मूल रूप से मनावाड़ के निवासी हैं। बीते करीब 6 सालों से राजकोट के बोलबाला चैरिटेबल ट्रस्ट में काम कर रहे हैं। आज ये देानों आत्मनिर्भर हैं। वामन रूपी इन भाई-बहन ने भी रक्षाबंधन का त्योहार मनाया है।

watch video: dwarf brother sister of gujarat celebrate raksha bandhan, know their story

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हरेशभाई और चंपाबेन कहते हैं कि, ''हमें इस ट्रस्ट ने सहारा दिया। अब हम भी ताउम्र यहीं रहकर सेवा करेंगे। इस ट्रस्ट के साथ हम काम कर रहे हैं। जिसके चलते अब दोनों के बैंक खातों में 6 लाख रुपये से अधिक रकम जमा हो चुकी हैं। हमारा घर और कार्यालय यह चैरिटेबल ट्रस्ट ही है। हम जो कुछ भी हैं, बोलबाला ट्रस्ट की वजह से ही हैं। हमने निर्णय लिया है कि, आखिरी सांस तक यहीं काम करेंगे।'

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