'गुजरात जिंदाबाद' और 'हम फिर वापस आएंगे' नारे लगाते हुए विदा हुए 1642 प्रवासी, VIDEO
राजकोट। कोरोना लॉकडाउन के दरम्यान में गुजरात में फंसे अन्य राज्यों के लोग लगातार अपने घर लौट रहे हैं। वाहन नहीं मिलने से परेशान इन प्रवासी श्रमिकों द्वारा बीते कुछ दिनों से विरोध-प्रदर्शन भी हुए हैं। भीड़ के रूप में एकत्रित होकर हिंसा भी आयोजित हुई। यहां फंसे रह गए बाहर के लोगों ने गुजरात सरकार को निशाने पर लिया। गुजरातियों के लिए भी बुरा-भला कहा। मगर, आज राजकोट से जो वीडियो सामने आया है, उसमें दिख रहा है कि प्रवासी खुशी-खुशी अपने गृहराज्यों को लौट रहे हैं। गुजरात से चली स्पेशल रेल में जब वे सवार हुए और खाना मिला तो तारीफ करने लगे। भारी संख्या अपने राज्यों को लौट रहे लोगों के मुंह से 'गुजरात जिंदाबाद' और 'हम फिर वापस आएंगे' नारे सुनने को मिले।
राजकोट से खुशी खुशी यूपी रवाना हुए प्रवासी
संवाददाता ने ऐसे ही प्रवासियों के वीडियो हमें भेजे हैं, जिनमें आप देख सकते हैं कि कैसे प्रवासी श्रमिक सरकारी व्यवस्थाओं से संतुष्ट थे। यहां से 1642 श्रमिक अपने गृहराज्यों को रवाना हुए थे। उनमें से ज्यादातर ने केन्द्र की मोदी सरकार और राज्य की रुपाणी सरकार का आभार जताया। गुरुवार को राजकोट से उत्तर प्रदेश के लखनऊ के लिए ट्रेन निकली थी। तब उसमें सवार हो रहे एक प्रवासी राजेश पांडे ने कहा, 'मैं पड़धरी की एक फैक्ट्री में काम करता था। दो महीने से काम नहीं होने के बावजूद मेरे मालिक ने अच्छी तरह देखभाल की। अभी परिवार की चिंता के कारण मैं अपने घर लौट रहा हूं।'
कुछ इस तरह गुजरातियों का जताया आभार
राजेश
पांडे
ने
आगे
बोला-
''मैं
अभी
ईश्वर
से
यह
भी
प्रार्थना
करता
हूं
कि,
जल्द
ही
स्थिति
सामान्य
हो
जाए
और
मैं
वापस
राजकोट
आ
सकूं।
क्योंकि,
जो
प्यार
गुजरात
में
मिल
सकता
है,
वैसा
कहीं
और
नहीं
मिलेगा।
हमारी
यात्रा
के
लिए
भोजन
और
पानी
का
इंतजाम
करने
के
लिए
प्रशासन
का
आभार
व्यक्त
करता
हूं।''
इसी
तरह
एक
दिव्यांग
श्रमिक
अजय
कुमार
ने
दिल
खोलकर
गुजरात
की
प्रशंसा
की।
कहा,
''मैं
विकलांग
हूं।
लेकिन
मैं
बताना
चाहूंगा
कि
मुझे
यहां
काम
के
साथ-साथ
प्यार
भी
मिला।
सभी
साथी
कर्मचारियों
ने
प्रत्येक
जरूरत
में
मेरी
हर
संभव
मदद
की।
यहां
तक
कि
लॉकडाउन
के
बावजूद
मेरे
वापस
लौटने
के
लिए
प्रशासन
ने
भी
काफी
अच्छी
व्यवस्था
की
है।
राजकोट
को
रंगीला
कहा
जाता
है,
क्योंकि
यहां
के
लोगों
में
प्यार
और
भाईचारे
का
रंग
भरा
हुआ
है।''
ये इंतजाम गुजरात में प्रवासियों के लिए हुए
विगत दो हप्तों में राजकोट से एक लाख से ज्यादा श्रमिकों की अपने गृहराज्यों में वापसी हुई है। उन श्रमिकों के लिए टिकट के अलावा मास्क, सेनेटाइजर, पानी और फूड पैकेट भी कानुडा मित्र मंडल द्वारा दिया गया। इतना ही नहीं बच्चों के लिए चॉकलेट और खिलौने भी दिए गएहै। प्रशासन द्वारा सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए ट्रेन में बैठने और आराम करने की भी व्यवस्था रखी गई। ट्रेन में बिठाने से पहले सभी का मेडिकल चेकअप कर जरूरी दवाइयां और सूचनाएं भी रेलवे प्रशासन द्वारा दी गई।