80% लोग मास्क नहीं पहन रहे, बहुत से मुंह पर लटकाकर घूम रहे, कोई इच्छाशक्ति नहीं है: सुप्रीम कोर्ट
राजकोट/नई दिल्ली। गुजरात में राजकोट के एक कोविड अस्पताल में आग लगने से 5 कोरोना मरीजों की जान चली गई। वहां अफरा-तफरी मच गई। इस घटना के बाद प्रशासन द्वारा सख्ती न किए जाने की बात पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, "जुलूस निकाले जा रहे हैं। भीड़ जमा हो रही है। करीब 80 प्रतिशत लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं। बहुतों के मुंह पर मास्क लटके दिखते हैं।एसओपी और गाइडलाइंस हैं, लेकिन कोई इच्छाशक्ति नहीं है।"
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सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी उस संदर्भ में आई, जब कोरोना मरीजों के लिए तैयार शिवानंद अस्पताल के आईसीयू वार्ड में हादसा हो गया और वहां आग से 5 मरीजों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि, गुरुवार को इस अस्पताल में भीषण आग लगी। आईसीयू वार्ड (ICU) में जिस वक्त आग लगी, तब उसमें 11 मरीज भर्ती थे। जिनमें से आग लगने की वजह पांच की जान चली गई। वहीं, कई गंभीर रूप से जख्मी हो गए। गुजरात के सीएम विजय रुपाणी ने इस मामले के जांच के आदेश दिए हैं।
उधर, दमकल विभाग के कर्मियों का कहना है कि, 'अस्पताल में आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है।' एक अधिकारी ने कहा है कि फिलहाल उनका पूरा ध्यान इस बात पर है कि मरीजों को सही मेडिकल सुविधा मिलें। उन्होंने कहा है कि इसकी भी जांच कराएंगे कि आखिर अस्पताल में देर रात आग कैसे लगी।'
मोदी
ने
जताईं
संवेदनाएं
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
इस
घटना
के
बाद
दुख
जाहिर
किया
है।
मोदी
ने
आज
कहा
कि,
''राजकोट
के
अस्पातल
में
आग
लगने
की
वजह
से
जिन
लोगों
की
जान
गई
है,
उससे
मैं
काफी
दुखी
हूं।
इस
दुर्भाग्यशाली
हादसे
में
जिन
लोगों
की
जान
गई
उनके
परिजनों
के
प्रति
मेरी
संवेदनाएं
हैं।
जो
लोग
इस
हादसे
में
घायल
हुए
हैं,
उनके
भी
जल्द
से
जल्द
ठीक
होने
की
प्रार्थना
करता
हूं।''
मोदी
बोले
कि,
'हादसे
में
प्रभावित
लोगों
की
प्रशासन
हर
संभव
मदद
कर
रहा
है।''