डॉक्टर बनने के बाद बहन बनी कातिल, भाई और भतीजी को दी आहिस्ते-आहिस्ते आने वाली मौत
डॉक्टर बहन ने अपने भाई और 14 महीने की भतीजी को मार डाला, ग्लूकोज में देती थी धीमा जहर https://hindi.oneindia.com/news/rajkot/sister-kills-her-own-brother-and-niece-at-gujarat-510334.html
पाटणं। गुजरात के पाटणं स्थित शक्तिपार्क सोसायटी में पेशे से डॉक्टर एक बहन ने अपने भाई और भतीजी को जहर देकर मार डाला। वह भाई, भाभी और भतीजी को ग्लूकोज में धतूरे के बीज मिलाकर खिलाती थी। धतूरे ने एक धीमे जहर की तरह असर किया और आखिर में भाई और भतीजी की जान चली गई। भतीजी तो महज 14 महीने की ही थी। पिता को जब पता चला कि उसके बेटा और पोती की मौत हो गई है, तो उन्होंने पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल शुरू कर दी। शक के दायरे में आई बहन ने कुछ ही घंटों में जुर्म कुबूल कर लिया।
डॉक्टर बहन ने अपने भाई, भाभी और भतीजी को जहर दिया
पुलिस के मुताबिक, आरोपित महिला के पिता को पता चल गया था, जिसके बाद उन्होंने बेटी द्वारा गुनाह का स्वीकार करने का वीडियो भी पुलिस को दिया। पिता ने ही पुलिस के पास मामला दर्ज करवाया है। उन्हें अंदाजा ही नहीं था कि पढ़-लिखकर डॉक्टर बनी बेटी अपने ही भाई और भतीजी को धीमा जहर देकर मार डालेगी। पड़ताल में सामने आया है कि अहमदाबाद के रहने वाले नरेन्द्रभाई पटेल अपने परिवार को लेकर 4 मई को पाटणं स्थित शक्तिपार्क सोसायटी में अपने भाई के घर गए थे।
5 मई को भाई और 30 मई को भाभी-भतीजी को जहर दिया
5 मई को वे शक्तिपार्क सोसायटी से कुलदेवी के दर्शन करने कल्याणा गांव निकल गए। तभी बेटे जिगर की तबियत खराब होने के कारण उसे अस्पताल भेजा गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 30 मई को जिगर की पत्नी भूमिबेन और 14 वर्षीय बेटी माही की तबियत भी खराब हुई। जिसके चलते दोनों को अस्पताल भेजा गया। जहां मासूम माही ने भी उपचार के दौरान ही दम तोड़ दिया। पता चला है कि डॉक्टर बहन ने 5 मई को भाई और 30 मई को भाभी-भतीजी को जहर दिया। भाई की तबियत बिगड़ने पर पोटेशियम साइनाइड वाली कैप्सूल मुंह में रखी गई थी।
धतूरे के बीज ग्लूकोज में मिलाकर देती थी, कैप्सूल भी खिलाया था
भाई-भतीजी की मौत के बाद घर पर मातम पसर गया। मगर, परिवार की बेटी किन्नरी के चहरे पर कोई दुःख दिखाई नहीं दे रहा था। जिसके चलते उसके पिता नरेन्द्रभाई को शक हुआ था। बेटी से पूछताछ की तो उसने कहा कि मैं जिगरभाई को धतूरे के बीज ग्लूकोज में मिलाकर देती थी। जिससे वह पागल होने लगे थे। कलाना जाते समय भी मैंने उनके पानी में यह बीज मिक्स कर दिए थे और तबियत बिगड़ने पर पोटेशियम साइनाइड वाला कैप्सूल उसके मुंह में रख दिया था। भाभी भूमि समेत उनकी मासूम बेटी को भी ऐसा ही पानी पिलाया।''
पिता ने कहा- अब बेटी को छोड़ दूंगा तो वह आगे भी ऐसा ही करेगी
मृतक जिगर और आरोपी किन्नरी के पिता नरेन्द्रभाई ने कहा, ''किसी को किसी की जान लेने का अधिकार नहीं है। गुनाहगार कोई भी हो उसे सजा मिलनी चाहिए। जिससे दूसरे गुनाहगारों में डर बना रहे। पिता होने के नाते अपनी बेटी को समय रहते सही रास्ते पर लाने में तो मैं सफल नहीं रहा, परंतु उसका अपराध छुपाकर में उसके अंदर छिपे शैतान को बढ़ावा देना नहीं चाहता। मैंने उसकी पुलिस में शिकायत कर दी है।''
भाई-भतीजी को मारने के बाद हत्यारोपी बहन ने यह बयान दिया
बीडीएस
डेंटल
की
पढ़ाई
कर
रही
और
दो
साल
पहले
स्टर्लिंग
में
नौकरी
करती
किन्नरी
को
अपने
भाई-भतीजी
को
मार
डालने
का
दुख
नहीं
है।
वह
अपने
पिता
को
दुखी
देखते
हुए
कहने
लगी
कि
मेरे
हाथों
यह
अपराध
कैसे
हुआ
इसको
लेकर
में
भी
परेशान
हूं।
मैंने
यह
अपराध
किया
जरूर
है,
लेकिन
मेरे
हाथों
से
यह
अपराध
कैसे
और
क्यों
हुआ
इस
बात
को
लेकर
मैं
बड़ी
दुविधा
में
हूं।
मैं
धंतूरे
के
बीज
मातरवाड़ी
हाईस्कूल
से
लाई।''
पुलिस
को
अंदेशा
है
कि
बहन
ने
सामाजिक
असंतोष
के
चलते
यह
अपराध
किया।