हजारों फोटोग्राफर्स में से इस भारतीय ने 'मां' की तस्वीर से जीता जापान का गोल्ड, देखिए वो खास फोटो
Gujarat News, राजकोट। गुजरात के एक फोटोग्राफर ने वैश्विक स्तर पर अपनी फोटोग्राफी का लोहा मनवाया है। जापान के असाही शिंबुन (Asahi Shimbun) न्यूजपेपर ग्रुप द्वारा 79वीं अंतरराष्ट्रीय फोटोग्राफी कंपटीशन आयोजित किया गया था। जिसमें 32 देशों के 4261 फोटोग्राफरों ने हिस्सा लिया। इस दौरान साढ़े चार लाख फोटोज प्रस्तुत किए गए। जिनमें से सिलेक्टेड 75 फोटोग्राफ को गोल्ड मेडल दिया गया। इन फोटो में राजकोट के एशकोल सोनगांवकर की तस्वीर भी सलेक्ट हुई। उन्हें विजेता घोषित करते हुए गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया।
32 सालों से कर रहा हूं फोटोग्राफी: एशकोल सोनगांवकर
वन इंडिया हिंदी से हुई बातचीत में एशकोल सोनगांवकर ने बताया, ''मैं पिछले 32 सालों से फोटोग्राफी कर रहा हूं। मेरी आजीविका का साधन होने के साथ-साथ ये मेरा पेशन भी है। आमतौर पर फोटोग्राफर क्लिक करने के बाद उसका मतलब ढूंढते हैं, लेकिन मैं किसी सोच को दिमाग में रखकर उसके मुताबिक काम करता हूं। मेरा जो फोटो सलेक्ट हुआ, वह फोटो प्रेम का प्रतीक है। किसी भी मनुष्य को प्यार का प्रथम अहसास माता के स्तन से ही मिलता है। इस विचार के आधार पर मेरी क्लिक को गोल्ड मेडल मिला है।'
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'यह मेडल हमारी 25वीं एनिवर्सरी का सबसे कीमती तोहफा'
एशकोल की पत्नी शोभनाबेन ने कहा कि जिस दिन इस अवॉर्ड की घोषणा हुई, उस दिन यानी 29 अप्रैल को हमारी शादी की 25वीं सालगिरह थी। इसीलिए मुझे तो यह मेडल हमारी एनिवर्सरी के सबसे बड़े तोहफे की तरह लग रहा है। दूसरे लोग जिस अवॉर्ड को पाने के लिए सालों लगाते हैं, उसे मेरे पति ने न सिर्फ दूसरी बार में हासिल कर लिया, बल्कि देश का भी नाम रोशन कर दिया। मेडल मिलने के बाद विदेशों में भी लोग एशकोल को पहचानने लगे हैं और कई लोगों के फोन भी आए हैं।
अभी तो ऐसे और कई अवॉर्ड और मिलेंगे
एशकोल ने पहले भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फोटोग्राफी में कई अवॉर्ड जीत चुके हैं। जापान से मिले गोल्ड मैडल से न सिर्फ उनके अवॉर्ड कलेक्शन को चार चांद लगा दिए, बल्कि उनके आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी करवा दी। अब उन्होंने ज्यादा से ज्यादा प्रतियोगिता में भाग लेने की बात कही है। उन्हें यकीन है कि वे आगामी प्रतियोगिताओं में भी अवॉर्ड जीतेंगे।
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