कोरोना से संक्रमित फ्रांस से लौटा, टेंपरेचर 100 होने के बाद भी सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर ने बताया नॉर्मल
राजकोट. गुजरात में राजकोट के नजदीकी गांव मुंज में रहने वाले 36 वर्षीय शख्स को कोरोना ने जकड़ लिया, वह 16 मार्च को फ्रांस से लौटा था। उसका कहना है कि वहां से लौटते ही एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग के समय पूरा सहयोग दिया। मैंने कहा- 'यदि जरा भी शंका हो, तो बता दें, मैं यहीं रह जाता हूं। तबियत कुछ खराब लगी तो सिविल हॉस्पिटल गया। वहां टेम्परेचर 100 पाया गया, फिर भी डॉक्टर ने नॉर्मल बताया। मुझे होम क्वारंटाइन के लिए बोल दिया गया। मगर, मुझे उस सिविल अस्पताल के डॉक्टर पर विश्वास नहीं हुआ, तो खुद को घर के एक कमरे में कैद कर लिया। खुद को पूरी तरह से क्वारेंटाइन में रखकर सुरक्षित कर लिया। हर रोज स्वास्थ्य की जांच होती। 26 मार्च को मुझे खांसी शुरू हुई। 27 को बुखार आ गया। तब फिर मुझे सिविल अस्पताल जाने को कहा गया। इस बार मैंने एक निजी अस्पताल की शरण ली। तो वहां मेरी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई।'
युवक
का
कहना
है
कि,
यह
सब
डॉक्टर
की
लापरवाही
से
हुआ।
यदि
वो
मुझे
सीरियसली
लेते
तो
ये
हाल
नहीं
होता।
अभी
मेरी
पत्नी
और
बेटे
को
भी
क्वारंटाइन
में
रखा
गया
है।
अन्य
किसी
से
हमने
सम्पर्क
नहीं
किया
है।
युवक
के
मुताबिक,
मेरा
क्वारंटाइन
पीरियर्ड
29
मार्च
को
पूरा
होना
था।
उसके
4
दिन
पहले
ही
बीमार
पड़
गया।''
वहीं,
युवक
की
शिकायत
को
गंभीरता
लेते
हुए
जिला
कलेक्टर
रम्या
मोहन
ने
कहा
है
कि,
उस
वक्त
सिविल
हॉस्पिटल
में
किसकी
ड्यूटी
थी,
ये
जांच
होगी।
कलेक्टर
ने
इस
संबंध
में
आगे
कि
बुखार
होने
के
बाद
भी
पॉजीटिव
मरीज
को
वापस
भेज
दिया
गया,
यह
बड़ी
लापरवाही
है।
हमें
मरीज
के
परिवार
वालों
की
तरफ
से
इसकी
शिकायत
मिली
है।
अब
जांच
की
जा
रही
है
कि
मरीज
को
वापस
किस
डॉक्टर
ने
भेजा।
मामला
गंभीर
है।'
बता दें कि, अब तक राजकोट में कोरोना के संक्रमण के कुल 9 मामले दर्ज हो चुके हैं। वहीं, मरीज को बिना भर्ती किए लौटा देने की सिविल अस्पताल की यह तीसरी गलती बताई जा रही है।
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