गुजरात में एम्स के लिए मोदी सरकार ने वडोदरा को दिखाया ठेंगा, राजकोट को चुना
Gujarat news, गांधीनगर। गुजरात में नए एम्स को तोहफा किस जिले को मिले, इस सवाल का जवाब मोदी सरकार ने सूबे के लोगों को दे दिया है। सरकार ने एक और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के लिए गुजरात में राजकोट को चुना है। अब वडोदरा बिना एम्स रहना होगा। राजकोट को एम्स के लिए चुने जाने के पीछे बड़ी वजह बताया जा रहे हैं गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, जो कि स्वास्थ्य मंत्री भी हैं। उन्होंने ही अपने ब्रीफिंग में कहा है कि केंद्र सरकार ने एम्स राजकोट में देने का फैसला लिया है।
राजकोट
में
अगले
4
साल
में
बन
जाएगा
एम्स
बकौल
नितिन
पटेल,
''राजकोट
की
भूमि
(खंडेरी
स्टेडियम
के
पास)
जो
पहले
से
ही
पहचानी
जाती
है,
वहाँ
राजकोट
के
जिला
कलेक्टर
द्वारा
कार्यवाही
और
एम्स
के
लिए
निविदा
प्रक्रिया
शुरू
की
जाएगी।
गुजरात
के
एम्स
में
800
से
1,000
बेड
का
अस्पताल
और
मेडिकल
कॉलेज
की
सुविधा
होगी।
एम्स
का
निर्माण
चार
साल
में
संपन्न
होगा।
हर
दिन
15
हजार
मरीजों
को
मिलेगा
उपचार
1200
करोड़
की
इस
परियोजना
से
हर
दिन
औसतन
1500
मरीजों
को
चिकित्सा
सुविधा
मिलेगी।
बताया
जा
रहा
है
कि
भारत
सरकार
के
स्वास्थ्य
मंत्रालय
के
एम्स
डिवीजन
के
निर्देशक
ने
31
दिसंबर
2018
को
गुजरात
के
स्वास्थ्य
विभाग
को
एक
मेल
किया
था।
इस
मेल
में
कहा
गया
था
कि
सूबे
में
नया
एम्स
राजकोट
को
मिलना
चाहिए।
जिसके
लिए
गुजरात
सरकार
ने
पहले
से
ही
खंडेरी
स्टेडियम
के
पास
भूमि
चिन्हित
कर
ली।
वडोदरा
के
8
विधायकों
ने
की
थी
मांग
बता
दें
कि
वडोदरा
के
बीजेपी
विधायक
योगेश
पटेल
और
उनके
साथी
विधायकों
ने
मांग
की
थी
कि
एम्स
उनके
इलाके
में
दिया
जाए,
मगर
आठों
विधायकों
की
मांग
बेनतीजा
रही।
अब
उनकी
नाराजगी
के
बारे
में,
नितिन
पटेल
का
कहना
है
कि
वडोदरा
के
विधायक
और
सांसद
सहित
सभी
जनप्रतिनिधि
चाहते
हैं
कि
उनके
क्षेत्र
में
ही
एम्स
की
बेहतर
सुविधाएं
स्थापित
हों
और
इसमें
कुछ
भी
गलत
नहीं
है।
गुजरात
सरकार
ने
चुने
थे
दो
शहर
राज्य
सरकार
ने
राजकोट
और
वडोदरा
दोनों
स्थानों
पर
एम्स
के
लिए
मुफ़्त
ज़मीन,
बिजली
और
पानी
समेत
अन्य
संबंधित
चीजें
उपलब्ध
कराने
की
पेशकश
की
थी,
लेकिन
विस्तृत
अध्ययन
के
बाद
विशेषज्ञ
समिति
ने
राजकोट
को
चुना।
गुजरात
में
राजस्व
और
स्वास्थ्य
विभाग
अब
यह
देखेगा
कि
परियोजना
के
लिए
आवश्यक
जमीन
जल्द
से
जल्द
केंद्र
सरकार
को
सौंप
दी
जाय,
ताकि
परियोजना
जल्द
से
शुरू
हो
सके।
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कांग्रेस
ने
कोई
प्रस्ताव
नहीं
भेजा
एक
प्रश्न
के
उत्तर
में
नितिन
ने
कहा
कि
कांग्रेस
ने
अपने
शासन
के
दौरान
गुजरात
में
एम्स
स्थापित
करने
की
कभी
जहमत
नहीं
उठाई।
कांग्रेस
ने
इस
संबंध
में
कोई
प्रस्ताव
भी
नहीं
भेजा
था।
ये
तो
मौजूदा
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
के
चलते
संभव
हुआ
है।
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