गुजरात: CM रुपाणी के गृहनगर के अस्पताल में 1 माह में 111 बच्चों की मौत, 2 साल में हजार से ज्यादा नवजातों की जान गई
CM रुपाणी के गृहनगर के अस्पताल में 1 माह में 111 बच्चों की मौत, 2 साल में हजार से ज्यादा नवजातों की जान गई
राजकोट. राजस्थान के कोटा की तरह ही गुजरात के राजकोट में भी एक सरकारी हॉस्पिटल में महीनेभर के अंदर 100 से ज्यादा बच्चे बेमौत मरे हैं। यहां सिविल अस्पताल के चिल्ड्रन हॉस्पिटल की हालत इतनी खराब है कि मरने वाले सभी 111 बच्चे नवजात थे। इन बच्चों में से 96 प्री-मैच्योर डिलीवरी से हुए थे और कम वजन वाले थे। जिनमें से 77 का वजन तो डेढ़ किलो से भी कम था। हॉस्पिटल के एनआईसीयू में ढाई किलो से कम वजन वाले बच्चों को बचाने की व्यवस्थाएं और क्षमता ही नहीं है। यह मामला इसलिए भी ज्यादा चिंताजनक है, क्योंकि राजकोट गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का गृहनगर है।
राजकोट स्थित सिविल अस्पताल के चिल्ड्रन हॉस्पिटल में बच्चों की सामूहिक मौतों के यही बात उजागर हुई है कि, यहां एनआईसीयू में व्यवस्थाएं काफी खराब हैं। जिसकी वजह से एक से डेढ़ किलो से कम वजन वाले नवजात शिशु जिंदा नहीं बच पाते। आंकड़े बताते हैं कि बीते दो साल में भर्ती हुए 20% बच्चों की मौत हो गई, इसके बावजूद व्यवस्थाओं में सुधार नहीं किया जा सका है।
सिविल अस्पताल में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक, इस अस्पताल में वर्ष 2018 में 4321 बच्चों को भर्ती किया गया था। जिनमें से 869 बच्चों की मौत हो गई। उसके बाद वर्ष 2019 में, 4701 बच्चे भर्ती हुए और नवंबर के महीने तक 18.9% बच्चों की मौत हुई। फिर, दिसंबर 2019 में भर्ती हुए कुल 386 बच्चों में से 111 बच्चे बचाए नहीं जा सके।
गुजरात में तोड़ी गई महात्मा गांधी की प्रतिमा, पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू की