स्कूल का फर्जी वीडियो वायरल करने पर हार्दिक के दोस्त जिग्नेश मेवाणी की जमानत याचिका नामंजूर
वलसाड। गुजरात में वडनगर के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने बच्चे की पिटाई का एक वीडियो वलसाड के आर.एम. स्कूल का बताकर ट्वीट किया था। इस मामले को लेकर स्कूल के सत्ताधीशों द्वारा केस दर्ज किया गया था। जिसे लेकर जिग्नेश मेवाणी ने कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। लेकिन अदालत ने उनकी इस याचिका को खारिज कर दिया है।
दरअसल सोशल मीडिया में किसी शिक्षक द्वारा बच्चे की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था, जिसे वलसाड के आरएम स्कूल का बताया जा रहा था। विधायक जिग्नेश मेवाणी ने भी कोई जांच किए बिना यह वीडियो आरएम स्कूल का बताकर अपने ऑफिशियल ट्वीटर अकाउन्ट में शेयर किया था और साथ ही प्रधानमंत्री मोदी को भी टैग किया था।
मामले की जानकारी मिलने पर इस स्कूल की प्रिंसिपल बीजल पटेल ने फर्जी वीडियो से स्कूल की बदनामी होने का आरोप लगाया था। विधायक के खिलाफ सिटी थाने में शिकायत दर्ज की थी। मामला दर्ज होने के बाद विधायक मेवाणी ने अपने वकील के माध्यम से अपनी अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी।
हालांकि वलसाड एडिशनल कोर्ट के जज पीके लोटियाना ने सरकारी वकील अनिल त्रिपाठी की दलीलों के मद्देनजर याचिका नामंजूर कर दी है और इसके लिए जांच चल रही होने का कारण दिया है। अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने पर जिग्नेश मेवाणी की मुश्किलें बढ़ी हैं।
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