कोरोना के मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टर पहनते हैं ये खास पोशाक, 5 घंटे पानी भी नहीं पीते, PHOTOS
राजकोट. दुनियाभर में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के दौरान डॉक्टर्स को कई विशेष साजो-सामान रखने होते हैं। साथ ही उन्हें खुद को संक्रमित होने से बचाने के लिए भी तैयारी करनी होती हैं। राजकोट के एक क्रिटिकल स्पेशलिस्ट डॉक्टर मयंक ठक्कर ने वनइंडिया के संवाददाता को अपनी खास पोशाक के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि, हम हॉस्पिटल में ये जो पोशाक पहनते हैं, इसे पीपीई (यानी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) कहा जाता है। इसे पहनने के बाद हम कई घंटों तक मानो बंधक बन जाते हैं। पांच घंटे तक पानी भी नहीं पीते।''
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कोरोना-मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर ने बताईं ये बातें
बकौल डॉ. मयंक ठक्कर, 'इस पोशाक (कॉस्टयूम) को पहनने के बाद हम सुरक्षित तो हो जाते हैं, मगर फिर भी जान का खतरा बना रहता है। न पानी पी सकते हैं, न ही वॉशरूम जा सकते हैं। क्योंकि ऐसा करने में हमें भी संक्रमण होने की पूरी संभावना रहती है। जब इलाज हो जाता है, तो पीपीई को पूरी तरह से रिमूव कर दिया जाता है। इसके बाद कम्लीट वॉश लेते हैं। इसके बाद ही हम कुछ खा-पी सकते हैं। जो भी डॉक्टर कोरोना से संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे हैं, उन्हें ये खास कॉस्टयूम पहनने ही पड़ेंगे।'
5 घंटे तक पानी भी नहीं पी सकते
मयंक ने आगे कहा कि, 'इस महामारी से कोई मरीज पॉजिटिव हो या नेगेटिव, इलाज करने वाले डॉक्टर उसे हल्के में नहीं लेते। इसीलिए, 5 घंटे तक पानी भी नहीं पी सकते। इसे पहनने वाले डॉक्टर्स अपनी जान की परवाह किए बिना ही मरीज का इलाज करते हैं। इसके शरीर पर रहते हम डॉक्टर्स मोबाइल भी पास नहीं रखते। हम दूसरों से बात भी नहीं कर पाते। ब्रेक मिलने के बाद ही पीपीई को रिमूव करते हैं।'
पहली बार सामने आईं इस तरह की फोटो
किसी स्थानीय डॉक्टर द्वारा पीपीई (यानी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) पहने हुए पहली बार तस्वीरें सामने आई हैं। आप देख सकते हैं कि, इस खास पोशाक में डॉक्टरों का चेहरा तक भी नहीं दिखाई देता। कोरोना के इलाज के दौरान डॉक्टर इस बात का पूरा ध्यान रखते हैं कि वो संक्रमण से कैसे बचेंगे। डॉक्टरों को कई मुसीबतों का सामना भी करना पड़ता है।
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