हार्दिक और जिग्नेश मेवाणी से डर गए हैं मोदी-शाह: राजकोट में बोले कन्हैया कुमार
Gujarat News, राजकोट। गुजरात पहुंचे जेएनयू छात्रसंघ के पूर्वाध्यक्ष व वामपंथी नेता कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर तीखी टिप्पणियां की हैं। कन्हैया ने कहा है कि मोदी और शाह यहां के हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवाणी जैसे युवाओं से डर गए हैं। इसलिए, गुजरात में हमले हो रहे हैं और कई युवाओं को झूठे केसों में फंसाया जा रहा है।'
राजकोट में भाजपा पर किए जुबानी हमले
कन्हैया 'टीम इन्द्रनील फ़ॉर यू' के 'संविधान बचाओ' प्रोग्राम के लिए राजकोट पहुंचे। यहां एयरपोर्ट पर पत्रकारों के सवालों पर उन्होंने कई बातों का जवाब दिया। उन्होंने भाजपा विरोध करते रहने की अपनी कई पुरानी बातें भी दोहराईं। कन्हैया ने कहा कि भाजपा सरकार में संविधान पर हमले हो रहे हैं। यूपी में न सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को रोका गया बल्कि उनके समर्थकों को भी पीट दिया गया। ऐसा होना हमारे लिए दुख की बात है। यह संविधान पर चोट की गई है।'
'किसान खुदकुशी कर रहे हैं'
गुजरात में एक के बाद एक किसानों की आत्महत्या के मामले पर कन्हैया ने कहा कि यहां सरकार बड़े-बड़े दावे करती है। जबकि, किसान आत्महत्या करने के लिए विवश हैं। युवाओं के पास रोजगार नहीं हैं। इनके लिए आवाज उठाने वाले हार्दिक और जिग्नेश जैसे युवाओं को दबाया जा रहा है, क्योंकि इन युवाओं से सरकार डर गई है। ऐसे युवाओं के खिलाफ झूठे मुकदमे कर उन्हें फंसाया जा रहा है। अहमदाबाद में जिग्नेश मेवाणी का कार्यक्रम रद्द करना बहुत ही शर्मनाक है।
'गुजरात मॉडल देखने आया हूं'
एक ओर कन्हैया जहां मीडिया कर्मियों को बाइट दे रहे थे, वहीं उनकी आगवानी करने के लिए एनएसयूआई एवं टीम इन्द्रनील के वर्कर्स एयरपोर्ट पहुंच गए। उधर, उनके आने की खबर भाजपाइयों को लगी तो वे भी विरोध करने आ धमके। पोस्टर पर काली स्याही लगाकर विरोध किया गया। इस पर कन्हैया ने कहा कि लोकतंत्र में सबको विरोध जताने का अधिकार है। उसी तरह भारत का नागरिक होने के कारण मुझे भी अपनी बात कहने का अधिकार है। मैं गुजरात यह देखने के लिए आया हूं कि मोदी जिस गुजरात मॉडल की बार-बार प्रशंसा करते हैं, वह हकीकत में कैसा है? उसमें क्या खास है।''
कौन हैं कन्हैया कुमार
कन्हैया बिहार के बेगुसराय जिले में तेघरा विधानसभा क्षेत्र स्थित बरौनी प्रखंड के बीहट के रहने वाले हैं। पटना में परास्नातक कोर्स खत्म करने के बाद वह दिल्ली आए, जहां जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में अफ्रीकन स्टडीज के लिए पीएचडी में दाखिला लिया। वर्ष 2015 में छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए। यहीं से बतौर वक्ता उनके भाषण सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। कहा जाता है कि जेएनयू छात्रसंघ चुनाव से एक दिन पहले उन्होंने एक स्पीच दी थी, जिससे उनकी जीत पक्की हो गई थी।
कौन हैं माता-पिता
- कन्हैया के पिता का नाम जयशंकर सिंह है, जोकि लकवा ग्रस्त हैं, जबकि मां आंगनबाड़ी सेविका हैं। बड़ा भाई निजी कंपनी में नौकर है।
वामपंथियों के बीच खासे पॉपुलर
कन्हैया भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) की स्टूडैंट विंग अखिल भारतीय छात्र परिषद (AISF) के मुखिया भी रहे हैं। वह वामपंथी विचाराधारा से जुड़े हुए हैं, इसलिए राजग से जुड़े दल और संगठनों से खास विरोध झेलना पड़ता है। 2016 में उन पर देशद्रोह के आरोप भी लगे। जिसमें पुलिस ने उन्हें कैद कर लिया था और बाद में कोर्ट ने नसीहत देकर छोड़ दिया।
देशद्रोह से जुड़ा यह मामला जेएनयू में अफजल गुरु की बरसी पर, 9 फरवरी 2016 को सामने आया था। इस दौरान उनके कार्यक्रम में 'भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशा अल्लाह, इंशा अल्लाह..' जैसे नारे लगने के वीडियो वायरल हुए थे। हालांकि, सत्यता की पुष्टि नहीं हो पाई। तीन साल बाद 2019 में 14 जनवरी को देशद्रोही नारों के मामले में आरोपी मानते हुए दिल्ली पुलिस ने कन्हैया और उनके दोस्त उमर खालिद समेत कई लोगों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की। बहरहाल, कन्हैया के आगामी लोकसभा चुनाव में हिस्सा लेने के कयास लगाए जा रहे हैं।