अन्ना हजारे के आंदोलन के बाद नियुक्त हुई लोकपाल टीम में अभिलाषा, गुजरात से है ये कनेक्शन
Gujarat News, भावनगर। हाल ही राष्ट्रपति द्वारा लोकपाल की नियुक्ति के बाद भावनगर जिले के शाही परिवार की सदस्य अभिलाषा कुमारी को लोकपाल टीम में शामिल किया गया है। लोकपाल हैं पिनाकचंद्र घोष, जबकि इनकी टीम में शामिल होने वाली अभिलाषा कुमारी मणिपुर उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रही हैं। इतना ही नहीं, वे पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की बेटी भी हैं।
लोकपाल से जुड़ी जो टीम गठित हुई है, उनमें न्यायमूर्ति दिलीप भोंसले, प्रदीप कुमार मोहंती, अजय कुमार त्रिपाठी और अभिलाषा कुमारी शामिल हैं। इन्हें भ्रष्टाचार विरोधी मध्यस्थता टीम में न्यायिक सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। अभिलाषा कुमारी हाल ही में मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवा निवृत्त हुईं हैं। उनका विवाह भावनगर जिलेमें वल्लभीपुर के दरेड़ गाँव के शाही परिवार में हुआ है।
इशरत जहां के फर्जी एनकाउंटर मामले की सीबीआई जांच के बाद दो जजों के बैच की नियुक्ति की गई थी। जिस पर गुजरात सहित देश में काफी बहस हुई थी। अभिलाषा कुमारी को भी इसमें शामिल किया गया था।
कैसे
हुई
लोकपाल
की
नियुक्ति?
वर्ष
2011
में,
लोकपाल
की
नियुक्ति
के
दौरान
अन्ना
हजारे
दिल्ली
में
उपवास
कर
रहे
थे।
इस
आंदोलन
में
कई
नेता
आगे
आए।
उसके
बाद
सरकार
द्वारा
2013
में
लोकपाल
और
लोकायुक्त
कानून
पारित
किया
गया
था।
सरकार
द्वारा
कानून
लाने
के
6
साल
बाद
पिनाकचंद्र
घोष
को
लोकपाल
नियुक्त
किया
गया
है।
साथ
ही
पूर्व
सशस्त्र
आर्मी
बल
के
चीफ
अर्चना
रामसुंदरम,
महाराष्ट्र
के
पूर्व
प्रधान
सचिव
दिनेश
कुमार
जैन,
महेंद्रसिंह
और
इंद्रजीत
प्रसाद
को
लोकपाल
के
गैर-न्यायिक
सदस्य
के
रूप
में
नियुक्त
किया
गया
है।
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