कार के VIP नंबर के लिए लगाई 19 लाख की बोली, पसंद का मिला तो RTO ने कहा- गुजराती में नहीं लगा सकते
राजकोट। गुजरात में राजकोट के एक बिल्डर ने कार के वीआईपी नंबर के लिए 19 लाख रुपये खर्च कर दिए। उसने आरटीओ में 19 लाख की बोली लगाकर 0007 नंबर लिया। मगर, उसके सपनों पर तब पानी फिर गया जब आरटीओ की तरफ से यह बताया गया कि वह इसे वह कार के बोनट पर गुजराती में नहीं लिखवा सकते। जबकि, बिल्डर 7 को गुजराती में लिखना चाहता था, क्योंकि गुजराती में 7 गणेश भगवान जैसा दिखता है।
संवाददाता के अनुसार, जब बिल्डर को पता चला कि कार के वीआईपी नंबर के लिए 19 लाख रुपए की बोली व्यर्थ होगी तो उसे धक्का पहुंचा। दरअसल, आरटीओ ने यह स्पष्ट कर दिया कि नियमों के मुताबिक गुजराती में नहीं लिख सकते। गुजरात में पहली बार किसी ने इतनी बड़ी रकम को कार का पसंदीदा नंबर लेने के लिए खर्च किया था।
उक्त बिल्डर की पहचान गोविंद प्रसन्ना के रूप में हुई है। गोविंद प्रसन्ना ने अपनी गाड़ी की कीमत का लगभग 33% सिर्फ उसके नंबर के लिए खर्च कर दिया, मगर अभी तक उन्हें इसका पूरा फायदा नहीं मिला है। बताया जाता है कि उसने अपनी पिछली 3 गाड़ियों के लिए भी ऐसा ही नंबर लिया था। मगर, इस बार वह वीआईपी नंबर (7) लेकर भी खुश नहीं हैं।