हार्दिक पटेल का गुजरात सरकार को अल्टीमेटम- 7 दिन के भीतर किसानों को दें फसल बीमा, वरना..
राजकोट। गुजरात में किसानों को फसल बीमा नहीं मिलने पर कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने सरकार के खिलाफ फिर मोर्चा खोल दिया है। हार्दिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सरकार से 7 दिन के भीतर किसानों को फसल बीमा दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि रूपाणी सरकार किसानों के हित में काम नहीं करेगी तो किसान सरकार के ख़िलाफ़ बोलेगा और लड़ेगा। सरकार के पास सात दिन का समय है, किसानों की समस्या का समाधान करें, नहीं तो जनांदोलन छेड़ दिया जाएगा।''
हार्दिक पटेल ने कहा— 7 दिन में फसल बीमा कराए सरकार
हार्दिक ने यह बातें मंगलवार को राजकोट सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं। इस दौरान उनके साथ काफी संख्या में समर्थक उपस्थित थे। हार्दिक ने यह भी कहा कि किसानों को बचाना है तो गुजरात भाजपा को सरकार से इस्तीफ़ा देना चाहिए। गुजरात सरकार के पास किसानों के हित में एक भी योजना नहीं है। लगातार बारिश की वजह से बची हुई फ़सलें भी ख़त्म हो गई हैं, सरकार किसानों को बीमा भी नहीं दे रही। बीमा कंपनी वाले किसानों को जवाब नहीं दे रहे।''
बारिश से फसलों को बहुत नुकसान हुआ
कांग्रेस नेता ने प्रेस कान्फ्रेंस में सौराष्ट्र में मूंगफली और कपास की बुआई करने वाले किसानों को लेकर भी बयान दिया। कहा कि यहां के ज्यादातर किसान सिर्फ मूंगफली और कपास की बुआई करते हैं, मगर बारिश के कारण इन दोनों फसलों को भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में सरकार द्वारा तुरंत ही फसल बीमा दिया जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम गांव-गांव जाकर किसानों को इकट्ठा करेंगे। जरूरत पड़ने पर उपवास आंदोलन भी किया जाएगा।'' कृषि मंत्री सौराष्ट्र का होने के बावजूद किसान के परेशान होने पर भी उन्होंने तंज कसा।
सरदार पटेल की जयंती पर भी कही थीं ये बातें
इससे पहले हार्दिक ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर भी टिप्पणी की थी। जिसमें उन्होंने कहा था, ''मैंने संकल्प लिया है कि गुजरात में जनता की लड़ाई को मज़बूत बनाऊँगा। गुजरात की जनता के लिए मैंने संदेश तैयार किया है और जनता के अधिकारों की सरकार से माँग की हैं। हम लड़ेंगे और जीतेंगे।''
सूरत अग्निकांड के बाद भी आगे आए थे
इससे पहले मई में हार्दिक पटेल ने सूरत अग्निकांड के बाद धरना दिया था। तब पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया था। हार्दिक पटेल ने मेयर की इस्तीफे की मांग करते सरकार पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए थे। हार्दिक ने नगर निगम परिसर के पास धरने-प्रदर्शन का ऐलान किया था। हालांकि, उन्हें मंजूरी नहीं दी गई। हार्दिक फिर भी वहां पहुंच गए तो पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। वह धरने पर भी नहीं बैठ पाए थे और कार रुकते ही पुलिस पहुंच गई। तब हार्दिक ने कहा था कि बच्चों की मौत के लिए प्रशासन भी जिम्मेदार है।