'अपनी बेटियों को ब्यूटी पार्लर-डांस क्लास के बजाए सेल्फ-डिफेंस की क्लास में भेजो'
राजकोट. महिला उत्पीड़न और बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के पर देशभर में पुलिस अधिकारियों, महिला अधिकार संगठनों और मोटिवेशनल स्पीकर्स अपने विचार प्रकट कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले गुजरात के एडिशनल डीजीपी अनिल प्रथम ने बलात्कार की घटनाओं को लेकर अपनी बात कही थी। उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर ही सवाल उठाए और कहा था कि महिलाओं के लिए अभी बहुत कुछ करना है। वहीं, अब राज्य के सभी स्कूलों में अगले सत्र से राज्य की सभी उच्चतर प्राथमिक शालाओं में कक्षा 6 से 8 तक की कन्या शालाओं में 3 महीने तक सेल्फ डिफेंस की शिक्षा देने की योजना बनाई गई है। मोटिवेशनल स्पीकर निशा बुटाणी का कहना है कि अब ऐसा समय है, कि लोग अपनी बेटियों को ब्यूटी पार्लर-डांस क्लास के बजाए सेल्फ-डिफेंस की क्लास में भेजें।
विदेशों
में
बच्चों
को
'सेल्फ
रिप्रेजेंट'
और
'सेल्फ
डिफेंस'
का
ज्यादा
ज्ञान
बकौल
निशा
बुटाणी,
''यहां
के
छात्रों
में
कौशल
है,
मगर
कम्युनिकेशन
स्किल
और
पर्सनालिटी
डेवलपमेंट
को
लेकर
एक
फोबिया
है।
विदेशों
में
बच्चों
को
काफी
कम
उम्र
में
ही
इन
चीजों
का
अहसास
हो
जाता
है।
वहां
बच्चे
सबसे
पहले
सेल्फ
रिप्रेजेंट
करना
सीखते
हैं
और
फिर
दूसरे
विषयों
की
जानकारी
लेते
हैं।
यह
हमारे
यहां
भी
होना
चाहिए,
ताकि
उनकी
क्रिएटिविटी
झलके।
इसके
लिए
सरकार
को
ही
कुछ
कदम
उठाने
की
जरूरत
है।
कौन
हैं
निशा
बुटाणी
निशा
बुटाणी
मूल
रूप
से
गुजराती
हैं।
इन
दिनों
वह
स्विटजरलैंड
में
रह
रही
थीं
और
सौराष्ट्र
यूनिवर्सिटी
में
व्याख्यान
देने
आई
थीं।
वह
एक
मोटिवेशनल
स्पीकर
हैं।
विदेशों
में
उनके
काफी
प्रशंसक
हैं।
गुजरात
में
निशा
ने
बेटियों
की
सुरक्षा
को
महत्वपूर्ण
बताया।
उनका
कहना
है
कि
हमारी
यूनिवर्सिटी
और
कॉलेजों
में
भी
युवतियों
को
सेल्फ
डिफेंस
की
शिक्षा
देनी
चाहिए।'
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