गुजरात सरकार ने Alcock Ashdown पर लगाया अलीगढ़ी ताला, कंपनी बंद
भावनगर। गुजरात सरकार ने भावनगर स्थित कंपनी अलकॉक असदोन को आखिरकार बंद करा दिया है। कंपनी के सभी कर्मचारियों को छुट्टी दे दी गई है और वहां अलीगढ़ी ताला दे दिया गया है। 1 जून, 2019 को भारत सरकार एवं खनन विभाग द्वारा परिपत्र की घोषणा के बाद अधिकारियों ने यह कदम उठाया। बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात को शिप ब्रेकिंग स्टेट ही नहीं बल्कि शिप बिल्डिंग का हब बनाने का स्वप्न संजोया था। इसके लिए वर्ष 1994 में गुजरात सरकार ने ब्रिटिश मूल की कंपनी अलकॉक असदोन को अधिकार में लिया था। मोदी पीएम बन गए। फिर सीएम विजय रुपाणी हुए तो उन्होंने इस कंपनी को चलाए रखने की ही बात कही, लेकिन अंतत: यह कंपनी बंद ही कर दी गई है।
अब कर्मचारियों का आरोप है कि, राज्य सरकार द्वारा 1 जून को ही जारी किए गए आदेश के बावजूद अधिकारियों ने अपने निजी फायदे के लिए इसका अमल करने में देरी की है। इसलिए ही तमाम कर्मचारियों को भी नौकरी से हटा दिया गया है। राज्यपाल के नामसे जारी किए गए आदेश के मुताबिक, कंपनी को बंद कर उसके तमाम कर्मचारीयों को नौकरी से हटाना होगा। साथ ही आल्कोक ऐशडाउन द्वारा हाल ही में अमरेली के चांच में खरीदी गई जमीन को बेचना होगा। जिसके चलते कई बड़े-बड़े जहाजों का निर्माण करनेवाली यह कंपनी इतिहास बन गई है। और कंपनी द्वारा लिए गए तमाम प्रोजेक्ट्स भी रद्द कर दिए गए है। हालांकि NCLT में कानूनी प्रक्रिया पूरी होने तक सिर्फ एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर, एचआर मेनेजर, और हिसाबी समेत वहीवटी कारकुन की सेवाए ली जाएगी।
कंपनी के कर्मचारी लीडर इकबाल आरब ने कहा कि, अल्कोक ऐशडाउन मूल ब्रिटिश कंपनी है। 1975 में केन्द्र सरकार और बादमें 1994 में राज्य सरकार ने इस कंपनी को हस्तगत किया था। कुछ समय पहले कंपनी को ताले लगाने की राज्य सरकार की इच्छा जाहिर होने पर खुद सीएम रुपाणी ने इसका खंडन किया था। लेकिन आज अचानक कंपनी को बंद करने की घोषणा की गई। जिससे न सिर्फ कंपनी कर्मचारी बल्कि देश को भी बड़ा नुकसान पहुंचना तय है। क्योंकि, कंपनी के बंद होने से देश को मिलने वाली फॉरेन करेंसी नहीं मिलने से अन्य कई उद्योगों का विकास भी रुक जाएगा।
जीएसटी से गुजरात सरकार को हुआ सालाना 4 हजार करोड़ से ज्यादा का घाटा, खूब पकड़े गए घोटाले