गुजरात: एंटी लैंड ग्रेबिंग एक्ट के तहत राजकोट में पहला मामला दर्ज, गिरोह ने 75 बीघा भूमि बिना रकम चुकाए ले ली
राजकोट। गुजरात सरकार द्वारा हाल ही अस्तित्व में लाए गए 'गुजरात एंटी लैंड ग्रेबिंग लॉ' के तहत राजकोट जिले में पहली एफआईआर वीरपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है। संवाददाता ने बताया कि, पुलिस ने गोंडल के आपराधिक जगत में कुख्यात निखिल दोंगा गैंग के चार सदस्यों के विरुद्ध एंटी लैंड ग्रेबिंग का मामला दर्ज किया, जिसकी अब आगे की कार्रवाई चल रही है। निखिल दोंगा गैंग के चार सदस्यों पर आरोप है कि इन्होंने 75 बीघा जमीन का दस्तावेज तैयार करवाने के बाद भी तय रकम भू-मालिक को नहीं देते हुए जमीन हड़प ली थी।
भू-मालिक ने राजकोट के वीरपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके आधार पर राजकोट जिला पुलिस ऑफिसर बलराम मीणा ने चार आरोपियों के खिलाफ गुजरात एंटी ग्रेबिंग कानून के तहत कार्रवाई शुरू कराई। पता चला है कि, उपरोक्त चार आरोपितों के विरुद्ध पुलिस ने पहले से गुजसीटोक के तहत भी केस दर्ज कर रखा है। पीड़ित भू-मालिक मूलत: राजकोट जिले के गोंडल तहसील के चरखडी के निवासी हैं। और इन दिनों वह गोंडल के नारायणनगर में रह रहे हैं। उनका नाम गजेन्द्र सांगाणी है।
गजेन्द्र सांगाणी खेती करते हैं। उन्हीं की शिकायत पर वीरपुर पुलिस ने गोंडल के कमलेश सिंधव, नरेश सिंधव, रमेश सिंध और बचु गमारा पर एंटी लैंड ग्रेबिंग के तहत एफआईआर दर्ज की है। इस बात की जानकारी जिला पुलिस प्रमुख बलराम मीणा ने प्रेस कांफ्रेंस में दी। बलराम ने बताया कि लैंड ग्रेबिंग एक्ट का कानून आने के बाद यह जिले में पहली एफआईआर दर्ज की गई है। जिसमें तीन भाई और एक अन्य अरोपी शामिल हैं। धीरूभाई गमारा नामक आरोपी गोंडल नगरपालिका कें कॉन्ट्रेक्ट आधारित नौकरी करता है। साथ ही चारों आरोपी में से नरेश सिंधव निखिल दोंगा का गुर्गा है।
बलराम बोले कि, ''नरेश सिंधव गुजसीटोक के आधार पर अभी जेल में है। चार आरोपियों में से 2 आरोपी कमेलेश सिंधव और नरेश सिंध्उव भी जेल में है। जबकि, रमेश सिंधव और धीरू गमारा की भी गिरफ्तारी हो चुकी है।'' पुलिस अधिकारी ने कहा कि, पीड़ित को न्याय दिलाया जाएगा।