राजकोट न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

गुजरात का 59 वां स्थापना दिवस: आजादी मांगने जैसा था यह संग्राम, नेताओं से ​मिलने पहुंचे छात्रों को गंवानी पड़ी थी जान

Google Oneindia News

Gujarat News in Hindi , राजकोट। 59 साल पहले एक मई, यानि आज के दिन 'बॉम्बे' प्रदेश से गुजरात और महाराष्ट्र की स्थापना हुई थी। 15 अगस्त 1947 को देश को आजादी मिलने के कई साल बाद लोगों ने गुजरात को अलग राज्य का दर्जा दिलाने के आंदोलन छेड़ा था। चार साल तक चले इस आंदोलन में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया था। झड़पों के दौरान चार छात्रों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी।

1960 में ‘बॉम्बे’ विभाजन के बाद हुई थी गुजरात की स्थापना

1960 में ‘बॉम्बे’ विभाजन के बाद हुई थी गुजरात की स्थापना

उस दौर में ‘बॉम्बे' प्रदेश में गुजराती और मराठी भाषा बोलने वाले लोग एक साथ रहते थे, हालांकि, दोनों अपने लिए भाषा के आधार पर अलग राज्‍य बनाने की मांग करने लगे। वर्ष 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत देश में कई राज्‍यों का गठन किया गया था। इसी अधिनियम के अंतर्गत तेलगु बोलने वालों के लिए आंध्र प्रदेश एवं कन्‍नड़ भाषी लोगों के लिए कर्नाटक राज्य बनाया गया। मगर, बॉम्बे के मराठी और गुजराती लोगों को अलग राज्य नहीं मिल पाया, जिसके चलते यहां अलग राज्य की मांग के लिए आंदोलन शुरू हो गए।

7 अगस्त 1956 में छात्रों पर चली थीं गोलियां, चार की जान गई

7 अगस्त 1956 में छात्रों पर चली थीं गोलियां, चार की जान गई

दस्तावेजों के अनुसार, आजादी के बाद केन्द्र सरकार ने महाराष्ट्र और गुजरात को एक द्विभाषी राज्य बॉम्बे घोषित किया था। इन्हें भाषाई आधार पर अलग करवाने के लिए इंदुलाल याग्निक और भाईकाका की अगुवाई में महागुजरात आंदोलन की शुरूआत हुई। 7 अगस्त 1956 को गुजरात कॉलेज के छात्र कांग्रेसी नेताओं से बात करने पहुंचे थे, लेकिन वहां उन पर गोलियां बरसा दी गईं। जिसमें सुरेश जयशंकर भट्ट, पुनमचंद वीरचंद अदाणी, कौशिक इंदुलाल व्यास और अब्दुल पीरभाई वसा समेत चार छात्रों की जान चली गई।

लोकसभा चुनाव 2019 से जुड़ी सभी जानकारी यहां पढ़ें

226 दिनों तक चले 'खांभी सत्याग्रह' से झुकी थी सरकार

226 दिनों तक चले 'खांभी सत्याग्रह' से झुकी थी सरकार

'खांभी सत्याग्रह' की शुरूआत 1956 में 4 छात्रों की मौत के बाद भड़के गुस्से की वजह से हुई। 'खांभी सत्याग्रह' वर्ष 1958 में 8 अगस्त को तब शुरू हुआ, जब हजारों लोगों की मौजूदगी में कांग्रेस भवन के बाहर शहीदों की प्रतिमा रखकर प्रदर्शन किया गया। यह सत्याग्रह दो साल तक चला। बॉम्बे प्रदेश में कुल 226 दिनों तक चले इस सत्याग्रह ने 'महागुजरात आंदोलन' को और मजबूत बनाया। सरकार के प्रति गुस्सा भड़कता रहा। उसी समय अहमदाबाद आए कांग्रेस के दिग्गज नेता मोरारजी देसाई की मौजूदगी में लोगों ने स्वयंभू बंद रखा। साथ ही इंदुलाल ने कांग्रेस भवन के पास शहीद छात्रों के स्मारक बनाने की घोषणा कर दी। धांगध्रा (Dhrangadhra) के पत्थरों पर 'प्लास्टर ऑफ पेरिस' की मिट्टी द्वारा स्मारक तैयार किया गया।

पढ़ें: 98 साल की हो चुकीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबा ने डाला वोट, छोटे बेटे के साथ आईं पोलिंग बूथपढ़ें: 98 साल की हो चुकीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबा ने डाला वोट, छोटे बेटे के साथ आईं पोलिंग बूथ

..फिर ‘गुजरात’ और ‘महाराष्ट्र’ बने दो राज्य

..फिर ‘गुजरात’ और ‘महाराष्ट्र’ बने दो राज्य

जिसके चलते सरकार को लोगों की मांग के सामने झुकना पड़ा और राज्य पुनर्रचना कानून-1956 के तहत बॉम्बे का विभाजन किया गया। आखिरकार, 1 मई 1960 को गुजराती बोलने वालों के लिए ‘गुजरात' और मराठी बोलने वालों के लिए ‘महाराष्ट्र' के रूप में अलग-अलग राज्य स्थापित हो गए। महाराष्ट्र जहां क्षेत्रफल के आधार पर देश का तीसरा सबसे बड़ा प्रदेश बना, वहीं गुजरात 6वां बड़ा प्रदेश बनकर सामने आया। गुजरात का क्षेत्रफल 196,024 वर्ग किमी स्क्वायर है। अब दुनियाभर के सर्वे और रिपोर्ट्स में गुजरात 'गुजरात मॉडल' की वजह से टॉप रैंकिग में आता है।

पढ़ें: बाप-बेटे को दुष्कर्म में उम्रकैद, अब कौन होगा आसाराम और साईं के 10,000 करोड़ के साम्राज्य का वारिस?पढ़ें: बाप-बेटे को दुष्कर्म में उम्रकैद, अब कौन होगा आसाराम और साईं के 10,000 करोड़ के साम्राज्य का वारिस?

Comments
English summary
Gujarat foundation day celebrated on may 1st, know the history of Gujarat
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X