गुजरात में मूंगफली के बाद अब दाल की सरकारी खरीद में करोड़ों का घोटाला, देखें वीडियो
Gujarat News in hindi, जूनागढ़। गुजरात में मूंगफली के बाद अरहर की (तुअर) सरकारी खरीद में भ्रष्टाचार सामने आया है। कांग्रेस ने आरोप लगाए हैं कि सरकार द्वारा केशोद मार्केटिंग यार्ड से जो दाल खरीद की गई, उसमें यार्ड के मालिकों ने करोड़ों का खेल खेला है। नाफेड (NAFED) की जांच में प्रारंभिक तौर पर पाया गया कि व्यापारियों से कम कीमत पर मिलावटी दाल लेकर उसे किसान से खरीदा बताया गया और उसे सरकार को दिया गया।
बता दें कि, सरकारी खरीद में कई तरह के परीक्षण के बाद किसान की दाल खरीदी जाती है, लेकिन यहां नाफेड द्वारा जो माल रिजेक्ट कर दिया गया था, उसे चतुराई से फिर से भेजा जा रहा था। मगर, ऐसे ही एक मौके पर किसान हितरक्षक समिति एवं कांग्रेसी विंग ने पत्रकारों के साथ केशोद मार्केटिंग यार्ड के ठिकाने पर पहुंचकर घपला पकड़ लिया गया। गुजरात किसान कांग्रेस चेयरमैन पालभाई आंबलिया का कहना है कि तीन ट्रक तुवेर की दाल नाफेड (NAFED) द्वारा रिजेक्ट की गई थी, मगर स्थानीय यार्ड के मालिकों ने उसे साफ कर फिर से भेजने का प्रयास किया।
किसान से प्रति बोरी 15 रुपये वसूल करके नए नियमों के मुताबिक, तुवरदाल की खरीद की जाती, जिसमें जरा भी कंकर-मिट्टी दिखाई देने पर माल रिजेक्ट कर दिया जाता था। बाद में उसको सरकारी सील लगाकर रखा जाता था। लेकिन नाफेड तक पहुंचे माल में कंकर और पत्थर पाए गए। ऐसे में सील तोड़कर मिलावट की जाने की बात स्पष्ट हुई है। इस घपले को दबाने के लिए दोबारा सील तोड़कर तुवरदाल को साफ किया जाने लगा, तो सूचना मिलते ही हम (किसान हितरक्षक समिति एवं गुजरात किसान कांग्रेस चेयरमैन) उस ठिकाने पर पहुंच गए। वहां पाया कि 3241 बोरी के सील टूटे हुए थे।'
अब सवाल ये उठ रहे हैं सरकारी सील को किसके इशारे पर तोड़ा गया? कांग्रेस सीधे मंत्री से लेकर मैनेजर तक के शामिल होने के आरोप लगा रही है। वहीं, इस शिकायत पर किसानों के आग्रह पर उच्च अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। जिन लोगों ने घोटाला पकड़े जाने का दावा किया, उनमें किसान हितरक्षक समिति के भरतभाई लाडाणी, धीरूभाई जोटीया, गुजरात किसान कांग्रेस के चेयरमैन पालभाई आंबलिया, जिल्ला पंचायत सदस्य मनीषभाई नंदाणीया और केशोद कांग्रेस के तालुका प्रमुख अश्विन खाटरिया आदि शामिल हैं। ये सभी केशोद तुवरदाल खरीद केन्द्र पर बैठ गए थे और घोटाले में शामिल लोगों के नाम सामने लाने की मांग की। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि 3241 बोरी की सील तोड़ने का आदेश किसने दिया?
सौराष्ट्र
जोन
पुरवठा
अधिकारी
ने
माना-
घपला
हुआ
है
वहीं,
किसानों
और
अधिकारियों
को
एकत्रित
होता
देख
कई
अन्य
अधिकारियों
के
भी
कान
खड़े
हो
गए।
सौराष्ट्र
जोन
पुरवठा
अधिकारी
द्वारा
पूरे
मामले
की
जांच
किए
जाने
की
बात
कही
गई।
उन्होंने
भी
तुवरदाल
में
मिलावट
की
बात
स्वीकार
की।
साथ
ही
कहा
कि
इसके
लिए
जिम्मेदार
लोगों
पर
कड़ी
कार्रवाई
होगी।
वहीं,
निगम
अधिकारी
की
मौजूदगी
में
जिला
अधिकारी
मोरी
ने
खुद
फरियादी
बन
केशोद
के
स्थानिक
अधिकारी,
व्यापारी
और
बिचौलिए
समेत
7
लोगों
के
खिलाफ
शिकायत
दर्ज
करवाई।
पुरवठा
मंत्री
जयेश
रादडीया
ने
प्रेस
कॉन्फ्रेंस
कर
जिम्मेदारों
के
विरुद्ध
कार्रवाई
का
आश्वासन
दिया।
इस मामले में यह भी दिलचस्प रहा कि, जिन लोगों ने घोटाले को पकड़े जाने का दावा किया, उन्होंने मौका-ए-पड़ताल की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग कराई। खाद्यान्न में खरीद का यह घोटाला राज्य में बीते महीनों हुई मूंगफली की करोड़ों की खरीद के प्रकरण जैसा है। इस मामले में अभी कई बड़े लोगों के नाम सामने आने की संभावना है।
आरोपियों
के
नाम
खरीद
इन्चार्ज
-
जे.
बी.
देसाई
केलेक्ष
कंपनी
ग्रेडर
-
फैझल
शबीर
मुगल
गोडाउन
मजदूर
-
जयेश
लक्ष्मणभाई
भारती
हितेश
हरजीभाई
मकवाणा,
जुनागढ
भारत
परषोत्तमभाई
वघसिया,
दात्राणा
जिग्नेश
बोरिचा,
हांडला
कानाभाई
विरडा,
माणेकवाडा
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