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नवजात को डॉक्टर ने मरा घोषित किया, श्मशान में चलने लगीं सांसें, फिर परिजन वापस ले गए अस्पताल

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राजकोट। गुजरात में राजकोट शहर के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर की गैर-जिम्मेदाराना हरकत सामने आई है। दरअसल, यहां एक बच्चे का जन्म होने के कुछ देर बाद ही महिला डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके चलते परिवार के लोग बच्चे को लेकर श्मशान पहुंचे। लेकिन जब मासूम को दफनाने के लिए गड्ढा खोदा जा रहा था, तभी देखा कि बच्चे की सांसें चल रही थीं। वो जीवित था।

गुजरात में राजकोट की घटना

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यह देखकर परिजन तत्काल उसे वापस अस्पताल ले गए और वहां भर्ती करवाया। उसका 14 घंटे तक इलाज चला। इस दौरान उसने दम तोड़ दिया। बच्चे की मौत के बाद परिजनों का उस डॉक्टर पर गुस्सा फूटा जिसने पहले उसे मृत घोषित कर दिया था। लोग भी अब उस महिला डॉक्टर को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहे हैं। संवाददाता ने बताया कि, कोडीनार निवासी पुलिसकर्मी परेशभाई डोडिया की पत्नी मीतलबेन को प्रसव पीड़ा के चलते राजकोट के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।

जुड़वां बच्चे जन्मे थे महिला ने

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अस्पताल में मीतलबेन के गर्भ से बेटी और बेटा समेत जुड़वां बच्चे जन्मे। हालांकि, उन दोनों ही बच्चों का वजह बहुत कम था और उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इसके चलते दोनों नवजात को केटी चिल्ड्रन हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। इलाज के कुछ मिनट बाद ही महिला डॉक्टर ने बेटे को मृत घोषित कर दिया। गमगीन परिजन उस बच्चे को लेकर श्मशान पहुंचे और उसके शव को दफन करने के लिए गड्ढा खोदा। तभी पता चला कि बच्चे की सांस चल रही हैं। इसी कारण उसे वापस अस्पताल लाया गया। जहां 14 घंटे तक उस बच्चे का इलाज चला, लेकिन इस बार उसकी जान नहीं बच सकी।

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डॉक्टर्स ने दी सफाई

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बच्चे की मौत हो गई, तो परिवार ने बच्चे की मौत का जिम्मेदार अस्पताल की महिला डॉक्टर को ठहराया। वहीं, इस मामले पर अस्पताल के प्रमुख डॉ. बुच ने सफाई देते हुए कहा कि, बच्चे का जन्म अधूरे माह में हुआ था। ऐसे में उसके बचने की संभावना बहुत कम थी। उपचार के दौरान बच्चे के हार्ट ने काम करना बंद कर दिया था। जवान व्यक्ति की जांच तो स्टेथोस्कोप से की जा सकती है, लेकिन यह जांच नवजात के साथ नहीं की जा सकती। इसीलिए महिला डॉक्टर बच्चे की जांच नहीं कर पाने के कारण गलती हुई। फिलहाल हम मामले की जांच करवा रहे हैं।

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English summary
female doctor declared the newborn dead, but he was alive and breathing, die after 14 hours of treatment
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