'मैं मक्का-मदीना से आया तो सपने में भी नहीं सोचा था महामारी की चपेट में आ जाऊंगा, घर पर ही रहें'
राजकोट। गुजरात में राजकोट के एक हॉस्पिटल से कोरोना संक्रमित मरीज ने ठीक होने के बाद लोगों से एक अपील की। उसने कहा, 'आप सभी घर पर ही रहें। जो घर में है, वही सुरक्षित है। हॉस्पिटल को तो नरक का दरवाजा मानो, जैसा मैंने इस महामारी को झेला है। फिलहाल मैं हॉस्पिटल में ही हूं, लेकिन स्वास्थ्य में पूरी तरह सुधार आ गया है। जैसे ही यहां से डिस्चार्ज होऊंगा, फिर लोगों से घर पर ही रहने की अपील करूंगा।'
बता दें कि, उक्त शख्स अरब प्रायद्वीप गया था, वहीं से उसे कोरोना वायरस ने जकड़ लिया। भारत लौटने के कुछ दिन बाद ही उसकी तबियत बिगड़ गई। जिसके बाद उसे हॉस्पिट्लाइज्ड किया गया। वह कोरोना को मात देकर बचने वाला राजकोट का पहला मरीज है।

अरब से भारत लौटा था युवक, हॉस्पिटल में बची जान
ठीक होने के बाद अस्पताल में उसने कहा, ''मैं मक्का-मदीना से आया था तो सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं इस महामारी की चपेट में आ जाऊंगा। यह रोग दिनों-दिन तेजी से फैलता जा रहा है। इस समय मैं अस्पताल में हूं, मुझे ऐसा लग रहा है जैसे अस्पताल का दरवाजा नरक के समान हो। डॉक्टरों ने मेरा बहुत ख्याल रखा, इसलिए मैं अब पूरी तरह से स्वस्थ हूं। मेरी लोगों से अपील है कि वे घर पर ही रहें। इस समय वही सुरक्षित है, जो घर में है।

इधर, अहमदाबाद की महिला को भी हो रहा पछतावा
अहमदाबाद के हॉस्पिटल में स्वस्थ्य हुई एक 34 वर्षीय महिला ने भी लोगों से अपील की है। उसने कहा कि, मुझे अब इस बात का पछतावा हो रहा है कि, मैं विदेश यात्रा पर क्यों गई थी। क्योंकि इसी यात्रा के दौरान मैं कोविड-19 से संक्रमित हो गई थी। मैं इस माह के शुरू में फिनलैंड से लौटी थी। कोरोना वायरस के लक्षण उभरने के बाद 18 मार्च को जांच हुई, तो कोरोना पॉजिटिव आया। जिसके बाद उसी दिन सरदार वल्लभ भाई अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के बाद अब स्वस्थ हो चुकी हूं। रविवार को अस्पताल से छुट्टी दी गई।