CBSE 10th Class Results: गुजरात के बच्चों का रिजल्ट दिल्ली समेत 23 राज्यों के मुकाबले बेहतर आया
राजकोट। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा जारी 10वीं एवं 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणामों में गुजरात के बच्चों ने भी डंका बजा दिया। 10वीं में राज्य का औसत रिजल्ट 97.61% रहा। यह पैमाना दिल्ली समेत 23 अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा अच्छा है। राज्य के 28,699 छात्रों ने परीक्षा दी थी, जिनमें से 28012 पास हो गए। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की बात की जाए तो इस साल सीबीएसई 10वीं के एग्जाम में पूर्वी दिल्ली रीजन से 18,68,89 छात्रों ने परीक्षा दी थी, जिनमें से 16,03,24 छात्र पास हुए। पासिंग रेट 85.79 फीसदी रहा। वहीं, पश्चिमी दिल्ली के 122648 स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल हुए थे, जिनमें से 105432 छात्र पास हुए और रेट 85.96 फीसदी रहा।
नहीं जारी हुई मेरिट लिस्ट, डिजिलॉकर से आएगी मार्कशीट
सीबीएसई ने कोरोना महामारी व लॉकडाउन के चलते इस साल 10वीं की मेरिट लिस्ट जारी नहीं की। इससे पहले 12वीं के रिजल्ट के दौरान भी बोर्ड ने मेरिट लिस्ट जारी नहीं की थी। यह अवश्य बताया गया है कि, 10वीं में इस बार एक लाख से ऊपर स्टूडेंट्स के 90 परसेंट से ज्यादा मार्क्स आए हैं। इस साल 1,84,358 स्टूडेंट्स ने 90 परसेंट से ज्यादा स्कोर प्राप्त किया। बहरहाल, बोर्ड द्वारा ऐलान किया गया कि, इस वर्ष छात्रों को डिजिलॉकर के माध्यम से डिजिटल मार्कशीट जारी की जाएगी।
गुजरात के बच्चों ने अन्य राज्यों की तुलना में अच्छा प्रदर्शन किया
गुजरात में छात्र-छात्राओं के लिहाज से सीबीएसई के 10वीं के रिजल्ट को देखा जाए तो छात्राओं ने बेहतर परफोर्मेंस दी। 96.89 पर्सेंट छात्र पास हुए तो वहीं छात्राओं का पासिंग रेट 98.70 पर्सेंट रहा। सीबीएसई के 10वीं (CBSE 10th Results) के परीक्षा परिणाम में इस बार राजकोट जिले के बच्चों ने भी कमाल कर दिया। यहां एक कोरोना वॉरियर दंपति की बेटी ने मैथ के सब्जेक्ट में 100 पर्सेंट मार्क्स हासिल किए। सभी सब्जेक्ट्स को मिलाकर वह 91 पर्सेंट (नंबर्स) के साथ पास हुई।
कोरोना वॉरियर की बेटी अच्छे नंबर लाई
इस छात्रा का नाम मैत्री पारेख है, जो कि राजकोट जिले के सीबीएसई बोर्ड द्वारा संचालित स्कूल से परीक्षा दिए थी। मैत्री ने मैथ में पूरे नंबर लाने के बारे में बताते हुए कहा कि, "मैंने रोज 8 घंटे से ज्यादा पढ़ाई की थी। टीचर्स और पैरेंट्स का भी खूब सपोर्ट मिला। इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को भी दूंगी। हमारी स्कूल के शिक्षकों द्वारा छोटी से छोटी बातों को अच्छे से समझाया जाता था।"
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मैं आईएएस बनना चाहती हूं
"अभी मैं 10वीं से आगे की पढ़ाई की तैयारी में जुट जाउंगी। मैं आईएएस बनना चाहती हूं। पिता पत्रकार हैं, जबकि मां भविताबेन सरकारी अस्पताल के अकाउंट डिपार्टमेंट में ड्यूटी करती हैं। जहां वो लॉकडाउन के दिनों में भी नियमित जाती हैं।" उधर, बेटी के बारे में भाविताबेन बोलीं- "मैत्री को बचपन से पढ़ाई में रुचि रही। यह उसका शौक भी रहा है। अब मैं उसे और अच्छे से पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करूंगी, ताकि वो अपना सपना पूरा कर सके।"