जिसे समंदर से पकड़ ले गए थे पाकिस्तानी, जेल में टूटा उसका दम, परिजनों ने सुषमा से लगाई गुहार
Gujarat News in Hindi , राजकोट। डेढ़ साल पहले समुद्र में मछली पकड़ते जिस भारतीय मछुआरे को पाकिस्तान मरीन सिक्योरटी अपहरण कर ले गई थी, उसकी वहां जेल में मौत हो गई है। परिवार उसके जिंदा वापस लौटने की प्रतीक्षा कर रहा था, मगर इसी बीच पाकिस्तान से उसकी बीमारी की वजह से मरने की खबर आ गई। यह खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया, उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मृतक मछुआरे के शव को वतन वापस लाने की गुहार लगाई है।
जानकारी के अनुसार, मृतक भीखाभाई बाम्भनिया की उम्र 50 वर्ष थी और वह उना के पालड़ी गांवके रहने वाले थे। भीखाभाई बाम्भनिया रोज की तरह 15 नवम्बर 2017 को पोरबंदर के रहीम सुमरा की बोट में मछुआरी करने गए थे। इसी दौरान अल जुनेद बगदादी-7 नामक इस बोट से पाकिस्तान मरीन सिक्योरिटी ने उनका अपहरण कर लिया था। उन्हें करांची की जेल में बंद कर दिया गया। बताया जाता है कि वहां के बुरे माहौल में उनकी तबियत खराब हो गई। उन्हें करांची अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज नहीं होने के चलते दो दिन पहले उनका दम टूट गया।
परिवार द्वारा पाकिस्तान इन्डिया फिश फोरम और डेमोक्रेसी संस्था के माध्यम से उसके मृतदेह को वतन लाने का अनुरोध किया गया है। साथ ही, पाकिस्तान हाई कमिश्नर को भी खत भेजा गया है। बहरहाल, ध्यान देने लायक बात यह भी है कि पाकिस्तान की जेल में ही ऊना के कजरडी गांव के मछुआरे की भी मौत कुछ दिनों पहले हुई थी। जिसकी मृतदेह दो महीने बाद वतन पहुंच पाई। ऐसे में भीखाभाई का मृतदेह कब आएगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
पाकिस्तानी
जेलों
में
गुजरात
के
500
से
ज्यादा
मछुआरे
बंद
ऊना
क्षेत्र
में
रोजगार
का
मुख्य
साधन
मत्स्य
उधोग
ही
है।
जिसके
चलते
यहां
के
लोग
पोरबंदर
और
जखौ
बंदर
की
बोट
में
मछुआरी
के
लिए
जाते
हैं।
इसी
दौरान
अनजाने
में
कभी-कभी
पाकिस्तान
की
दरियाई
सीमा
में
चले
जाते
हैं।
पाकिस्तान
मरीन
सिक्योरिटी
उन्हें
अपनी
पकड़कर
जेल
में
ठूंस
देती
है।
एक
रिपोर्ट
के
मुताबिक,
पाकिस्तानी
जेलों
में
बंद
मछुआरों
की
संख्या
500
से
भी
ज्यादा
है।
जिनमें
से
लगभग
150
से
ज्यादा
मछुआरे
इसी
क्षेत्र
के
रहने
वाले
हैं।