खुशखबरी : सीकर में इस रास्ते पहुंचेगा यमुना का पानी, आज से सर्वे शुरू
खुशखबरी : सीकर का वर्षों पुराना ख्वाब अब होगा, पाटन-नीमकाथाना होते हुए पहुंचेगा यमुना का पानी
सीकर। यमुना का पानी राजस्थान के सीकर पहुंचने का वर्षों पुराना ख्वाब जल्द पूरा होने वाला है। इस दिशा में प्रयास शुरू हो गए हैं। यमुना का पानी सीकर जिले तक पहुंचाने के लिए सोमवार से सर्वे का श्रीगणेश हो गया है। सब कुछ योजनानुसार हुआ तो हरियाणा के नारनौल से सीकर जिले के पाटन और नीमकाथाना के रास्ते यमुना का पानी पहुंचेगा।
लंबे समय से कर रहा हूं प्रयास-सीकर सांसद
सीकर सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने बताया कि सीकर जिले के लोगों को पीने के लिए यमुना का पानी मुहैया करवाने के लिए लंबे समय से प्रयासरत हैं। अब सोमवार से हरियाणा के नारनौल में भारतीय सर्वेक्षण विभाग की टीम ने ग्राउंड लेवल के सर्वे का काम शुरू किया है। सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर आगे का कार्य होगा। सर्वे जल्द पूरा करवाने का प्रयास रहेगा।
नारनौल के महेन्द्रगढ़ चौराहा से सर्वे शुरू
सीकर सांसद के मुताबिक नारनौल का सर्वे पूरा होने के बाद टीम सीकर पहुंचेगी और यहां समुद्र तल को आधार मानकर ग्राउंड क्रट्रोल प्वाइंटस को जोड़ा जाएगा। नारनौल में महेन्द्रगढ़ चौराहा (महावीर चौक) के पास ग्राउंड कंट्रोल प्वाइंट है जबकि सीकर जिले में नीमकाथाना उपंखड के पाटन के पुराने किले के पास और नीमकाथाना में संतोषी माता मंदिर के पास ग्राउंड कंट्रोल प्वाइंट है। रींगस में डाक बंगले के पास की जगह को बेस सर्वे प्वाइंट माना गया है।
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जलशक्ति मंत्रालय को सौंपेंगे रिपोर्ट
भारतीय सर्वेक्षण विभाग की टीम मध्य समुद्र तल को आधार मानकर इन सभी बिन्दुओं का सर्वे करेगी। सर्वे रिपोर्ट अनुकूल पाए जाने पर भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय को प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर सौंपी जाएगी। उसके बाद वन भूमि डायवर्जन, आदिवासी कल्याण मामलात मंत्रालय, वन्यजीव सरंक्षण विभाग और पर्यावरणीय स्वीकृति से एनओसी लेकर काम शुरू किया जाएगा।