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गर्भवती रचना मीणा की मौत के बाद हिंसा पर क्यों उतरा चूरू का रामपुरा बेरी गांव? जानिए पूरी कहानी

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चूरू। राजस्थान के चूरू जिले के राजगढ़ उपखंड के गांव रामपुरा बेरी में एक गर्भवती महिला की मौत के बाद बवाल मच गया। परिजनों व ग्रामीणों का खून खौल उठा। लोग विधायक के खिलाफ हो गए। पुलिस का सामना किया। पत्थर बरसाए और जान-माल को नुकसान भी पहुंचाया। अब सोमवार को चौथे दिन स्थिति सामान्य होती दिख रही है।

रामपुरा बेरी में छिन गई एक परिवार की खुशियां

रामपुरा बेरी में छिन गई एक परिवार की खुशियां

चूरू के राजगढ़ उपखंड मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित गांव रामपुरा बेरी में एक परिवार की खुशियां छिन गई। लापरवाही के आरोप लगे। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हुई। कानून व्यवस्था बिगड़ी और सियासत भी की गई। रामपुरा में जो कुछ हुआ उसे सिलसिलेवार समझिए।

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 9 अक्टूबर : महिला को अस्पताल लेकर पहुंचे परिजन

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गांव रामपुरा बेरी के राजेंद्र मीणा की पत्नी रचना मीणा (25) नौ माह की गर्भवती थी। रचना के प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे आदर्श राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुरा बेरी लेकर आए। परिजनों का आरोप है कि पीएचसी रामपुरा के डॉक्टर भोजराज ने रचना के गलत इंजेक्शन लगा दिया, जिससे उसके मूंह और कान से खून बहने लगा। तबीयत बिगड़ी तो उसे राजगढ़ के अस्पताल में रैफर कर दिया।

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 रात को शव लेकर रामपुरा पहुंचे परिजन

रात को शव लेकर रामपुरा पहुंचे परिजन

राजगढ़ के सरकारी अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद रचना को चूरू के डेडराज भरतीया अस्पताल की मातृ शिशु इकाई में रैफर किया गया। परिजन उसे चूरू लेकर पहुंचे तब डॉक्टरों ने रचना और उसके बच्चे को मृत घोषित कर दिया। रात को परिजन शव लेकर गांव रामपुरा आ गए। यह भी कहा जा रहा है कि चूरू की अस्पताल चौकी पुलिस के सामने परिजनों ने कोई कार्रवाई से इनकार​ किया था।

 10 अक्टूबर : दूसरे दिन धरने पर बैठे ग्रामीण

10 अक्टूबर : दूसरे दिन धरने पर बैठे ग्रामीण

रचना की मौत के दूसरे दिन यानी शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे से उसके परिजनों और ग्रामीणों ने पांच मांगों को लेकर पीएचसी रामपुरा के सामने धरना देकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। राजगढ़ के हमीरवास नायब तहसीलदार व एसएचओ सुभाषचंद्र के सामने रचना के परिजनों ने पांच मांगे रखीं।

स्टाफ को हटाने, डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर, 108 एम्बुलेंस की सुविधा का आश्वासन मिलने के बाद शनिवार शाम साढ़े चार बजे मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम हुआ। 10 लाख के मुआवजा की मांग नहीं माने जाने के कारण परिजनों ने पोस्टमार्टम के बाद शव नहीं लिया।

रचना मीणा के परिजनों की पांच मांगे

रचना मीणा के परिजनों की पांच मांगे

1. दस लाख रुपए का मुआवजा

2. अस्पताल स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई
3. रामपुरा पीएचसी में 108 एम्बुलेंस की सुविधा
4. दोषी डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर
5. मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम

11 अक्टूबर : तीसरे दिन शुरू हो गई राजनीति

11 अक्टूबर : तीसरे दिन शुरू हो गई राजनीति

रामपुरा बेरी के सरकारी अस्पताल के सामने रचना मीणा के परिजनों का धरना प्रदर्शन तीसरे दिन 11 अक्टूबर को भी जारी रहा। इस दिन राजगढ़ के पूर्व विधायक मनोज न्यांगली मौके पर पहुंचे और धरनार्थियों के समर्थन में आरोपी डॉक्टर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करवाए जाने की मांग की। इस बीच राजगढ़ विधायक कृष्णा पूनिया भी धरनास्थल पर पहुंच गईं।

 पहले विधायक का विरोध, फिर हिंसा

पहले विधायक का विरोध, फिर हिंसा

गांव रामपुरा में धरना स्थल पर कृष्णा पूनिया पहुंचीं तब कुछ लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। मामला बढ़ता देख वे धरनास्थल से पीएचसी के अंदर चली गईं। इस पर धरनार्थियों में शामिल कुछ महिलाएं भी पीएचसी के अंदर जाने की जिद करने लगीं। बात इतनी बढ़ गई कि पुलिस और धरनार्थी आमने-सामने हो गए। पुलिस ने लाठियां भांजी। आंसू गैस के गोले भी दागे। वहीं, धरनार्थियों की ओर से पथराव किया गया। चूरू कलेक्टर प्रदीप के गांवडे और एसपी परिश देशमुख की मौजदूगी में वार्ता हुई, जो विफल रही।

12 अक्टूबर : चौथे दिन किरोड़ी लाल मीणा की भी इंट्री

12 अक्टूबर : चौथे दिन किरोड़ी लाल मीणा की भी इंट्री

रामपुरा की विवाहिता रचना मीणा की मौत के पूरे मामले में चौथे दिन राज्यसभा सांसद व भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा की भी इंट्री हुई। सांसद मीणा ने फोन से धरनार्थियों को सम्बोधित किया और उन्हें जरूरत पड़ने पर रामपुरा आने का भी आश्वासन दिया। विधायक राठौड़, चूरू कलक्टर व चूरू एसपी की मौजूदगी में फिर वार्ता हुई। कई बातों पर सहमति के बाद सोमवार दोपहर बाद परिजन अंतिम संस्कार को तैयार हुए।

इन बातों पर सहमति

इन बातों पर सहमति

1. राजस्थान सरकार की ओर से 7 लाख का मुआवजा दिया जाएगा।

2. शेष तीन लाख का मुआवजा जनप्रतिनिधि देंगे।
3. बीकानेर या जयपुर से विशेष कमेटी जांच करने रामपुरा आएगी।

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English summary
Violence after Rachna Meena's death in village Rampura Beri in Churu district Rajasthan
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