सीएम गहलोत ने दी सभी जिलों के कलेक्टर्स को हिदायत- गुड गवर्नेंस में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के कलेक्टर्स के साथ मुख्यमंत्री सहायता कोष, सिलिकोसिस योजना, राजस्व मामलों तथा मुख्यमंत्री कार्यालय एवं संपर्क पोर्टल पर प्राप्त प्रकरणों सहित आम लोगों से जुड़े विषयों पर समीक्षा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन राज्य सरकार का मूल मंत्र है। हर अधिकारी और कर्मचारी इस सूत्र वाक्य को आत्मसात कर जनता से जुड़े कामों में किसी तरह की कमी नहीं रखें।
उन्होंने निर्देश दिए कि कार्मिक विभाग में एक अलग प्रकोष्ठ बनाया जाए, जिसमें ऐसे अधिकारी-कर्मचारी जो काम में लापरवाह हैं तथा जिनके विरूद्ध भ्रष्टाचार की शिकायतें हो या आदतन रूप से अनुशासनहीनता करते हों, उनके प्रकरण भिजवाए जाएं। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार उन प्रकरणों पर विचार कर दोषी कार्मिक के विरूद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि लोगों के वाजिब काम समय पर पूरे करना सरकार का दायित्व है। अगर किसी व्यक्ति का काम समय पर नहीं होता है, तो उसे होने वाली पीड़ा के लिए संबंधित अधिकारी और कर्मचारी जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस की दिशा में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आम तौर पर देखा जाता है कि लोगों को छोटे-छोटे राजस्व वादों के निस्तारण के लिए भी लम्बे समय तक चक्कर काटने पड़ते हैं। नामान्तरण, सीमा ज्ञान, पत्थरगढ़ी, भू-संपरिवर्तन सहित अन्य राजस्व सम्बंधी मामलों का समय पर निस्तारण नहीं होने से आमजन अपने अधिकार से वंचित रहता है। उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी और कार्मिक इन कार्यों को पूरी संवेदनशीलता के साथ टाइमलाइन में पूरा करें।
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