फादर्स डे पर लौटाई पिता की आंखों की रोशनी, फिर यूं साथ छोड़ गए दो बेटे
सीकर। फादर्स डे पर अपने बूढ़े पिता की आंखों का ऑपरेशन कराकर लौट रहे दो भाइयों की कार को परिवहन की बस ने टक्कर मार दी। कार सवार आर्मी में कार्यरत विकास ने तो मौके पर भी दम तोड़ दिया था, जबकि छोटे भाई पंकज को अस्पताल में पहुंचने के बाद चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। वहीं, कार में सवार बाकी दो लोग विजयपाल व जगदीश की हालत भी गंभीर होने पर उनको उपचार के लिए जयपुर रेफर कर किया गया है। घटना के बाद से घर में मातम पसर गया है।
ऑपरेशन के बाद खुशी-खुशी सिंगरावट जा रहे थे दोनों भाई
सदर थाना पुलिस के अनुसार, खुड़ी छोटी का विकास फौजी व उसका छोटा भाई पंकज अपने पिता अर्जुन जाट को उनकी आंखों का ऑपरेशन कराने के लिए सीकर लेकर आए थे। बजाज रोड स्थित अस्पताल में इनके पिता की आंखों का ऑपरेशन होने के बाद दोनों भाई खुशी-खुशी किसी काम से कार लेकर सिंगरावट जा रहे थे। बाडलवास के पास सामने से तेज गति से आ रही लोक परिवहन की बस ने कार को टक्कर मार दी। विकास की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पंकज को अस्पताल में पहुंचने के बाद चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
पिता से किया गया था ये वादा
घटना के बाद से घर में मातम पसर गया है। परिजनों ने बताया कि दोनों भाइयों ने पिता से वादा किया था कि वे उनकी आंखों की रोशनी वापस लाएंगे। पिता के लिए विकास आर्मी की सेवा से छुट्टी लेकर गांव आया था। उसने आर्मी अस्पताल में पिता का चेकअप कराने के बाद निजी अस्पताल में उनकी आंखों का ऑपरेशन कराया, लेकिन, उन्हें क्या पता था कि पिता की आंखों से पट्टी खुलने से पहले उनकी जिंदगी में अंधेरा छा जाएगा।
बेसुध हो गए परिजन
सैनिक कल्याण विभाग के कल्याण संघठक साबूलाल चौधरी ने बताया कि मृतक सिपाही विकास के तीन बेटियां हैं और ये दोनों भाई इकलौते थे। इनकी मां वर्तमान में सांवलोदा धायलान स्थित सरकारी स्कूल में शिक्षिका के पद पर कार्यरत है। दोनों के शव घर पहुंचे तो परिजन बेसुध हो गए।
ये भी पढ़ें: हैवानियत की हदें पार : महिला को डायन बताकर आंख-नाक में ठूंसी मिर्ची, बुरी तरह पीटा भी