राजस्थान के किसानों को 'लाल बादशाह' ने दिया धोखा तो टमाटर के खेत में चलवा दिए ट्रैक्टर
जालौर। राजस्थान के जालौर रानीवाड़ा क्षेत्र में टमाटर की अच्छी पैदावार के बावजूद दिनोंदिन गिर रहे भावों और खरीदारों के नहीं मिलने से परेशान किसान अब खेतों में खड़ी टमाटर की फसल पर मजबूरन ट्रैक्टर चलवाकर उसे नष्ट कर रहे हैं।
टमाटर की आवक शुरू होते ही भाव गिर गए
किसानों ने अच्छा मुनाफा पाने के लिए खेतों में टमाटर की बुवाई की थी। इसके बाद फसल की अच्छी पैदावार भी हुई, लेकिन टमाटर की आवक शुरू होते ही इसके भाव काफी गिर गए। किसानों को कम भाव में भी खरीददार नहीं मिलने के कारण अब इन्हें बेचने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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टमाटर सड़ने से जमीन खराब होने का डर
सप्ताह भर पहले टमाटर 300 से 350 रुपए क्विंटल में बिक रहे थे। मगर अब 100 रुपए क्विटल में भी किसानों को खरीददार नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में टमाटर सड़ने से जमीन खराब ना हो जाए, इसलिए उन्हें मजबूरन खेतों में खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलवाना पड़ रहा है। जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
कर्ज लेकर की थी टमाटर की बुवाई
किसान दलाराम चौधरी का कहना है कि उन्होंने सेठ-साहूकारों से ऋण लेकर उम्मीद के साथ टमाटर की खेती की थी, लेकिन अब उनके सामने यह कर्ज चुकाना किसी चुनौती से कम नहीं है। गांव-गांव व ढाणी-ढाणी तक घूमे क्षेत्र के किसानों को टमाटर के खरीददार नहीं मिलने से उन्होंने किराए के ट्रैक्टर-ट्रोली लेकर गांव-गांव, ढाणी-ढाणी घूमकर भी टमाटर बेचने की जुगत की, लेकिन वहां भी उन्हें खरीददार नहीं मिले।
लाल बादशाह टमाटर दे गया धोखा
इससे अब उनके चेहरों पर मायूसी छा गई है। लाल बादशाह के नाम से जाने जाने वाले बड़गांव के टमाटरों ने किसानों के आंसू निकाल दिए हैं। इधर, खरीददारों का कहना है कि बड़े शहरों में टमाटर की मांग नहीं होने के कारण आगे टमाटर नहीं बिक रहे हैं। इसकी वजह से उन्होंने भी टमाटर खरीदना बंद कर दिया है।
इन गांवों में हुई थी बंपर पैदावार
किसान रिदाराम चौधरी ने बताया कि बड़गांव, रामपुरा, वगतापुर, अमरापुरा, अणदपुरा, भाटवास, आजोदर, रूपावटी कल्ला, धामसीन व अदेपुरा समेत आसपास के दर्जनों गांवों में टमाटर की इस बार बंपर पैदावार हुई थी। इन गांवों के किसान अब टमाटर की फसल पर ट्रैक्टर चला कर फसल नष्ट कर रहे हैं।
खड़ी फसल को कर रहे हैं नष्ट
पिछले 20 दिन से टमाटर की फसल लेना शुरू कर दिया था। करीब 7 दिन तक तो 300 से 350 रुपए क्विंटल के भाव से बिके, लेकिन पिछले 10 से 12 दिन से टमाटर के खरीददार तैयार ही नहीं हो रहे हैं। ऐसे में खेत में टमाटर सड़ जाने से जमीन खराब ना हो जाए, इसलिए अब मजबूरन किसान खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर रहे हैं।