Rajasthan : दूल्हे रामधन मीणा के पिता ने लौटाया 11 लाख रुपए से भरा थाल, भर आई दुल्हन के पिता की आंखें
टोंक। राजस्थान के टोंक जिले की उनियारा तहसील की मंडावरा ग्राम पंचायत के गांव सोलतपुरा में मीणा परिवार ने दहेज के खिलाफ मिसाल पेश की है। यहां दूल्हे के परिवार 11 लाख रुपए का दहेज लौटाया है।
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रामधन मीणा की सगाई
हुआ यूं कि टोंक की खजूरी ग्राम पंचायत के गांव पीपरवाला के बृजमोहन मीणा रिटायर प्रधानाचार्य हैं। उनके बेटे की रामधन मीणा की सगाई टोंक जिले के गांव सोलतपुरा निवासी राधेश्याम की बेटी आरती मीणा के साथ की गई थी।
आरती के घर आए सगाई करने
बृजमोहन मीणा का परिवार सगाई तय करने के लिए आरती मीणा के घर आए थे। यहां सामाजिक परंपरा एवं रीति नीति के तहत दुल्हन पक्ष की ओर से दूल्हा पक्ष को दहेज दिया जाता है। आरती के पिता ने भी रामधन के पिता बृजमोहन को बतौर दहेज 11 लाख 101 रुपए से भरा थाल भेंट किया।
दूल्हे के पिता ने जोड़ लिए हाथ
इस पर बृजमोहन मीणा 11 लाख रुपए लेने से इनकार कर दिया और दुल्हन के पिता के सामने हाथ जोड़ लिए। एक बारगी तो सबको लगा कि उनका परिवार दहेज में अधिक पैसे चाहता होगा। इसलिए मना कर रहे हैं, मगर जब सच्चाई पता चली तो दुल्हन के पिता की आंखें भर आई।
शगून के 101 रुपए लिए
बृजमोहन मीणा ने उन्हें बताया कि उनका परिवार दहेज के खिलाफ है। वे शगून के रूप में सिर्फ 101 रुपए लेंगे। बाकी 11 लाख रुपए उन्होंने वापस लौटा दिए। इस दौरान वहां पर दुल्हन के पिता राधेश्याम के अलावा दादा प्रभुलाल मीणा पूर्व सरपंच मंडावरा, रिटायर प्रधानाचार्य कन्हैया लाल मीणा समेत अनेक लोग मौजूद थे।
हर किसी ने की सराहना
हर किसी ने बृजमोहन मीणा के परिवार के इस फैसले की सराहना की। वहीं, बीएड कर रहे आरती मीणा ने कहा कि वह खुशनसीब है कि उसे दहेज के खिलाफ सोच रखने वाला परिवार मिला है। वरना दहेज के लिए तो ससुराल वाले बहुओं को मरने तक पर मजबूर कर देते हैं।
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