रणथंभौर नेशनल पार्क के बाघों में इलाके को लेकर हुई जंग, देखें कैमरे में कैद टाइगर फाइटिंग का यह VIDEO
सवाई माधोपुर। राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित रणथंभौर नेशनल पार्क में लगातार बाघों की बढ़ती संख्या अब बाघों के लिए ही खतरा साबित हो रही है। पार्क क्षेत्र में जगह कम पड़ने से बाघों के बीच आपसी टकराव की स्थिति पैदा होने लगी है।
रणथंभौर नेशनल पार्क में बढ़ती बाघों की संख्या के कारण कई बाघ अपनी टैरेटरी नहीं बना पा रहे हैं और इसी के चलते रणथंभोर नेशनल पार्क में आए दिन बाघों के बीच आपसी संघर्ष हो रहा है। ताजा मामला रणथंभोर नेशनल पार्क के जोन नम्बर 10 का है। यहां टाइगर टी-42 फतेह व टी-109 'वीरू' के बीच जमकर संघर्ष हुआ, जिसमें टी- 109 घायल हो गया।
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आपसी संघर्ष के बाद टी 42 भैरूपूरा के जंगलों की तरफ चला गया। वहीं, सूचना मिलने के बाद वन विभाग सवाई माधोपुर की टीम मौके पर पहुंची और टाईगर टी 109 को ट्रेंकुलाइज कर उपचार किया गया। वन विभाग की टीम द्वारा घायल टी 109 की मॉनिटरिंग की जा रही है। रणथंभौर नेशनल पार्क की 50 बाघों के रहने की क्षमता है, लेकिन वर्तमान में पार्क क्षेत्र में 72 बाघ विचरण कर रहे है। ऐसे में पार्क क्षेत्र में बाघों के लिए जगह कम पड़ रही है। जिसका नतीजा ये है कि अब बाघों के बीच टैरेटरी को लेकर आपसी संघर्ष होने लगा है।
वहींं कई बार ये बाघ पार्क क्षेत्र से निकलकर आबादी क्षेत्र में पहुंच जाते हैं। इंसानों और बाघों के बीच भी टकराव पैदा हो रहा है। रणथंभौर में बढ़ती बाघों की संख्या और आपसी टकराव को देखते हुए तालेड़ा वन क्षेत्र के भिड़ में 2 हेक्टयर का एनक्लोजर बनाया गया है, जिसको बनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य यहीं था कि बीमार या घायल बाघ को उसमें रखा जा सके, लेकिन इस दौरान एनक्लोजर में टी 104 को रखा गया है। ऐसे में एनक्लोजर में किसी अन्य बाघ को नहींं रखा जा सकता। रणथंंभोर में करीब 15 बाघ ऐसे हैं, जो टैरेटरी की तलाश में हैं और कई बार पार्क क्षेत्र से बाहर निकल जाते हैं।