2 बेटों का परिवार होने के बावजूद मां 3 बेटियों के कंधों पर हुई दुनिया से विदा, वजह रुला देने वाली
Sikar News, सीकर। कहते हैं बेटियां जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी कभी मां-बाप से जुदा नहीं होती। इस बात का ताजा उदाहरण राजस्थान में सामने आया है।
रामगढ़ शेखावाटी की रहने वाली थी चंद्रीदेवी
दरअसल, सीकर जिले के रामगढ़ शेखावाटी कस्बे के रघुनाथपुरा मोहल्ला निवासी चंद्रीदेवी की अर्थी उठी तो उसे कंधा देने वाले बेटे-पोते नहीं बल्कि तीन बेटियां थीं। ऐसा नहीं है कि चंद्रीदेवी के बेटे-पोते पैदा ही नहीं हुए जो बेटियों को बेटों का फर्ज निभाना पड़ रहा हो।
दोनों बेटों की मौत, बहू-पोते आए नहीं
चंद्रीदेवी देवी के दो बेटे पैदा हुए। राधेश्याम व हरिप्रसाद। दोनों का परिवार वर्तमान में दिल्ली रहता है। दोनों बेटों की मौत हो चुकी है। इनके घर में दो बहू व चार पोते हैं। बेटे, बहू व पोते लम्बे समय से चंद्रीदेवी की अनदेखी कर रहे थे। अपनों की अनदेखी की वजह से चंद्रीदेवी टूट चुकी थी। शनिवार को उसकी मौत हो गई। मौत की सूचना दिए जाने के बावजूद बेटे-बहू उसका अंतिम संस्कार करने तक नहीं आए।
पति की मौत के बाद बेटियों ने संभाला
चंद्रीदेवी के पति की 35 साल पहले मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद तीन बेटियों ने मां की देखभाल की। चंद्रीदेवी की एक बेटी श्रीगंगानगर के रामसिंहपुर और मंजू व कमलेश झुंझुनूं जिले में बयाही हैं। मां की मौत छोटी बेटी के घर पर हुई और फिर मां बेटियों के कंधे पर दुनिया से विदा हुई तो हर किसी की आंखें नम हो गईंं। दाह संस्कार रामसिंहनगर में हुआ।
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