अंधविश्वास: 30 किमी दूर बैठा तांत्रिक फूंकता रहा मंत्र, मृत बच्चे को मोबाइल पर सुनाते रहे परिजन
भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर से चौंकाने वाली खबर सामने आई है। रविवार को यहां पर आठ साल का बच्चा अंधविश्वास की भेंट चढ़ गया। मामला भरतपुर के चिकसाना क्षेत्र के बराखुर गांव का है। चौंकाने वाली बात यह है कि तांत्रिक तीस किलोमीटर दूर बैठकर मंत्र फूंकता रहा और परिजन आरबीएम अस्पताल परिसर में मृत पड़े बच्चे के कान पर मोबाइल रखकर परिजन उसे मंत्र सुनाते रहे। लेकिन, बच्चा जीवित नहीं हुआ।
जानकारी के अनुसार राजस्थान के अलवर जिले के कठूमर इलाके के गांव सेखपुरा निवासी विश्राम सिंह की पत्नी लक्ष्मी का पीहर चिकसाना के बाराखुर में है। उसका 8 वर्षीय पुत्र आयुष दो साल से नानी-नाना के पास रहकर पढ़ाई कर रहा था। रविवार सुबह आयुष नानी के साथ खेत पर गया। वहां उसे सांप ने काट लिया। उसकी चीख पुकार सुनकर नानी घबरा गई और तत्काल उसे बराखुर ले आई। परिजन गांव में ही सांप काटे की दवा देने वाले वाले एक व्यक्ति के पास ले गए। तांत्रिक ने परिजनों से कहा कि मैं यहीं से मंत्र पढ़ता हूं। आप मोबाइल का स्पीकर बच्चे के कान पर रखिए। उसके कान में मंत्रोच्चारण जाएगा तो वह जीवित हो उठेगा। इस दृश्य को देखने के लिए अस्पताल परिसर में काफी भीड़ एकत्रित हो गई। परिजनों ने तांत्रिक कहे अनुसार वैसा ही किया।
मृत बच्चे के कान पर मोबाइल का स्पीकर रखा और उसे मंत्र सुनवाया गया। करीब 30 किलोमीटर दूर से तांत्रिक मंत्र पढ़ता रहा। लेकिन, फिर भी बच्चे के शरीर में कोई हलचल नहीं हुई। इस पर तांत्रिक ने कहाकि आप बच्चे को तत्काल मेरे पास लेकर आओ। बच्चे की जान अवश्य बच जाएगी। इस पर परिजन अस्पताल से छुट्टी करवा कर मृत बच्चे को लेकर तांत्रिक के पास खानुआ पहुंचे। वहां भी तांत्रिक ने काफी देर तक तंत्र-मंत्र और झाड़-फूंक की। लेकिन, बच्चे के शरीर में कोई हलचल नहीं हुई।
मीडिया से बातचीत डॉ.भूपेश अवस्थी का कहना है कि सांप काटने पर सबसे पहले रोगी को सीधा लिटा दें। फिर बिना देर किए जल्द से जल्द रोगी को अस्पताल ले जाएं। सांप को अच्छी तरह देखने और पहचानने की कोशिश करें। ताकि सांप का हुलिया बताने से चिकित्सक को इलाज करने में आसानी हो। मरीज को शांत रखने की कोशिश करें। मरीज जितना उत्तेजित रहेगा उसका रक्तचाप भी उसी गति से बढ़ेगा। जूते-चप्पल आदि सभी चीजें उतार लें।