गर्भ में जुड़वा बच्चे, फिर भी सुभिता ढिल्लन ने जारी रखी पढ़ाई और कर दिया राजस्थान टॉप, देखें डांस VIDEO
सीकर। यह सक्सेस स्टोरी है किसान की बेटी की। तीन बच्चों की मां की और एक छोटे से गांव में पली-बढ़ी युवती की है। नाम है सुभिता दिल्लन। इन्होंने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की ओर से आयोजित इतिहास व्याख्याता भर्ती परीक्षा 2020 में टॉप किया है।
शादी के बाद हासिल की उच्च शिक्षा
ट्विन प्रेग्नेंसी के दौरान पढ़ाई जारी रखने और फिर पूरे राजस्थान में प्रथम रैंक हासिल करने वाली सुभिता ढिल्लन की सक्सेस स्टोरी उन युवक-युवतियों के लिए भी प्रेरणादायी है, जो शादी के बाद पढ़ाई बीच में छोड़ देते हैं। सुभिता ने शादी के बाद बीएससी, बीएड और एमए तक की शिक्षा प्राप्त की और अब पूरे राजस्थान में टॉप करके 'इतिहास' रच दिया।
सुभिता की जिद ने दिलाई सफलता
वन इंडिया हिंदी से बातचीत में सीकर के प्रिंस एजुकेशन हब मुख्य प्रबंध निदेशक राजेश ढिल्लन ने बताया कि पत्नी सुभिता ढिल्लन की कामयाबी का पूरा श्रेय उनकी खुद की जिद और जुनून को जाता है। पहले से सरकारी नौकरी में रहते हुए सुभिता ने नौकरी व घर-परिवार की जिम्मेदारियों के बीच पढ़ाई के समय भी निकाला।
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कौन हैं राजस्थान टॉपर सुभिता ढिल्लन
बता दें कि सुभिता ढिल्लन का परिवार वर्तमान में सीकर में रह रहा है। ये मूलरूप से झुंझुनूं जिले की नवलगढ़ उपखंड के गांव झाझड़ की पाना वाली ढाणी की रहने वाली हैं। इनका पीहर नजदीक का गांव मोहनबाड़ी में है। 12 कक्षा के बाद राजेश ढिल्लन से इनकी शादी हुई थी।
सुभिता की कामयाबी पर जमकर नाचे परिजन
18 दिसम्बर 2020 को आरपीएसडी इतिहास व्याख्याता भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी किया गया, जिसमें सुभिता ने टॉप किया तो सीकर और उनके ससुराल गांव झाझड़ में परिजन डीजे पर जमकर नाचे। बता दें कि सुभिता के दो बेटी व एक बेटा है। इतिहास व्याख्याता परीक्षा के दौरान सुभिता पांच माह की गर्भवती थी। एक जून को इनके एक बेटी व बेटा जुड़वा पैदा हुए हैं।
कम पढ़े-लिखे माता-पिता ने बच्चों को बनाया काबिल
सुभिता ने बताया कि उनके पिता जगदीश ढाका और माता मनोहरी देवी कम पढ़े लिखे हैं। वे भले ही खुद ज्यादा नहीं पढ़ पाए हों, मगर उन्होंने पढ़ाई का मोल अच्छे से समझा और चार बेटियों व एक बेटे को खूब पढ़ा लिखाकर काबिल बना दिया।
सुभिता ढिल्लन की शिक्षा
बता दें कि सुभिता ढिल्लन ने एक से दसवीं तक की पढ़ाई की अपने मौसाजी औंकारमल के घर रहकर की। फिर 11वीं और 12वीं के पढ़ाई अपने गांव चली गई। शादी के बाद प्रिंस कॉलेज सीकर से बीएससी, बीएड और स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में इतिहास विषय से एमए किया।
तीन बहनें व एक भाई भी उच्च शिक्षित
सुभिता की तीन बहनें व एक भाई काफी पढ़े लिखे हैं। बहन कौशल्य ढाका जयपुर एसएमएस मेडिकल से पीजी कर रही हैं। दूसरी बहन संजू ढाका कोटा से एमबीबीएस और तीसरी बहन नमिता प्रिंस एजुकेशन हब सीकर से बीएससी कर रही है। एक भाई सुरेंद्र ढाका एमएनआईटी जयपुर से बीटेक कर रहा है।
2013 में लगी थी थर्ड टीचर की नौकरी
सुभिता की यह दूसरी सरकारी नौकरी है। इससे पहले वर्ष 2013 में सुभिता ने थर्ड टीचर भर्ती परीक्षा पास की थी। वर्तमान में इनकी पोस्टिंग राजकीय प्राथमिक विद्यालय बीरभानी तलाई जगतपुरा ढुगोली में थी। नौकरी में रहते हुए सुभिता ने सीकर की प्रयास कोचिंग और आर्य कोचिंग संस्थान से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की। सुभिता के अनुसार उनको कोचिंग के दौरान निर्मल आर्य और रवि फगेड़िया सर से काफी कुछ सीखने को मिला। साथ ही आर्य कॉम्पिटिशन टाइम्स की भारतीय इतिहास की बुक से काफी मदद मिली।
ग्रामीण परिवेश में रची बसी है सुभिता
शादी के बाद पढ़ाई जारी रखने वाली सुभिता ग्रामीण परिवेश में रची बसी है। सीकर से जब भी अपने पीहर गांव मोहनबाड़ी या गांव झाझड़ आने पर सुभिता को अक्सर खेतों में काम करते देखा जा सकता है। इसके अलावा कच्चे चूल्हे पर खाना पकाना या गाय-भैंस को दूहने जैसे काम भी सहज कर लेती हैं।
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