देवरानी-जेठानी को बना दिया डायन, सता रहा बच्चों की बलि चढ़ाने का डर, रोंगटे खड़े कर देने वाला है पूरा मामला
सिरोही। जमाना हाईटेक हो गया है, मगर अंधविश्वास अभी भी हमारा पीछा नहीं छोड़ रहा है। अंधविश्वास से ही जुड़ी एक चौंका देने वाली खबर राजस्थान से सामने आई है। यहां पर दो महिलाओं का आरोप है कि उनको डायन बताकर जीना मुहाल कर दिया गया है। मामला राजस्थान के सिरोही जिले के गांव आपरीखेड़ा का है।
डायन की वजह से बीमार हो रही महिलाएं व बच्चे
जानकारी के अनुसार आपरीखेड़ा गांव में एक परिवार की महिलाएं व बच्चे बीमार हुए ताे परिजनाें ने डाॅक्टर काे दिखाने की बजाय भाेपे (झाड़-फूंक से इलाज करने वाला) काे दिखाया। भाेपे ने परिवार की दाे बहुओं (देवरानी-जेठानी) काे डायन बताकर उनके प्रकोप को बीमारी की वजह बताया। इतना ही नहीं बल्कि उसने भी कहा कि जब तक दाेनाें काे गांव से नहीं निकालेंगे तब तक बीमारी का प्रकाेप झेलना पड़ेगा। इसके बाद देवरानी-जेठानी पर जुल्म की इंतेहा हाे गई। गांव छाेड़ने का दबाव बनाया।
पूरे गांव में फैली डायन की अफवाह
नहीं मानी ताे एक के पति पर कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला कर दिया। बच्चों की बलि तक देने की धमकियां दी। परिवार के लाेगाें ने ही कुएं से पीने का पानी तक देना बंद कर दिया। पूरे गांव में दाेनाें के डायन की अफवाह ऐसी फैली कि काेई उनसे बात तक नहीं करता।
दाेनाें काे बाहर जाने के लिए मुंह पर कपड़ा बांधकर चेहरा छिपाना पड़ता है। जुल्माें से तंग आ चुकी महिलाओं ने पुलिस के पास गई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इस पर काेर्ट में परिवाद पेश करने के बाद सरूपगंज थाना पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
पीड़िताओं पर गांव छोड़ने का दबाव
बता दें कि आपरीखेड़ा में पीड़िताओं का जेठ व काका ससुर रहते हैं। 6 महीने पहले इनके परिवार की ही एक लड़की और दो महिलाएं बीमार हो गई थी। इसके बाद आरोपी पास के ही कछोली गांव के एक तांत्रिक के पास गए तो उसने बताया कि संतोष देवी व उसकी जेठानी गंगादेवी (परिवर्तित नाम) दोनों डायन हैं। उनके परिवार व गांव में बीमारी का प्रकोप भी उन्हीं की वजह से है। यदि वह दोनों गांव में रहेगी तो बीमारी का प्रकोप रहेगा। इस पर आरोपियों ने एकराय होकर दोनों पीड़ित महिलाओं पर गांव छोड़ने का दबाव बनाया। वे नहीं मानी तो 4-5 महीने से प्रताड़ित कर रहे हैं।
गांव नहीं छोड़ा तो पति पर जानलेवा हमला
परिवाद में बताया गया कि जब गांव नहीं छोड़ा तो एक पीड़िता के पति पर भी कुल्हाड़ी से हमला कर उसे घायल कर दिया। अब यह दोनों महिलाएं अपने परिवार के साथ वहीं रह रही हैं, लेकिन पूरे गांव में इस बात को फैलाकर उनकी इज्जत खराब कर दी है कि वे दोनों डायन हैं। इसके बाद कोई रिश्ता भी नहीं रखना चाहता। पहले भी जब मामला बढ़ा तो सरूपगंज थाने गई और वहां से एसपी सिरोही के पास लेकिन जब न्याय नहीं मिला तो कोर्ट जाना पड़ा। पीड़िताओं में ऐसा खौफ है कि अब घर से बाहर निकलती है तो भी मुंह पर कपड़ा बांधना पड़ता है। कोर्ट के आदेश के बाद आरोपियों के खिलाफ सरूपगंज थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
डायन प्रथा की बजाय पारिवारिक विवाद-पुलिस
आईओ हैड कांस्टेबल सुरेश दान के अनुसार जरिए इस्तगासा डायन प्रथा के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस की शुरुआती जांच में डायन प्रथा जैसा कुछ सामने नहीं आया है। पीड़ित महिलाओं का अपने परिवार के ही लोगों से विवाद चल रहा है, जिसकी वजह से डायन प्रथा की आड़ में उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है। शिकायत में जिस भोपे व तांत्रिक का जिक्र किया गया है। उसका भी पीड़िता ने नाम नहीं बताया है।
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