VIDEO : मुस्लिम परिवार ने हिन्दू पड़ोसी की दुल्हन बेटी को घोड़ी पर बैठाकर निकाली बिंदोरी, जमकर नाचे लोग
सीकर। राजस्थान में बेटियों की शादियों में अब एक और नई परम्परा देखने को मिल रही है, वो यह है कि बेटियों की शादी में भी बेटों की तरह बिंदाेरी निकाली जा रही है। राजस्थान के सीकर में इससे भी बढ़कर मामला सामने आया है, जिसने साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की है।
गंगा जमुनी तहजीब का उदाहरण
यहां एक हिंंदू बेटी की शादी में मुस्लिम परिवार न केवल बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहा है, बल्कि परिवार ने अपने खर्च पर बेटी को घोड़ी पर बिठाकर उसकी बिंदोरी निकालकर गंगा जमुनी तहजीब का ताजा उदाहरण पेश किया है।
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पूरे गांव में हो रही चर्चा
दरअसल, पलसाना में गोवटी रोड पर वार्ड पांच निवासी पूरण सिंह गौड की भांजी ज्योत्सना कंवर की शादी है। जिसकी शादी में पड़ौसी इब्राहिम खान ने पूरी जिम्मेदारी संभाल रखी है।
धार्मिक सद्भाव की अनूठी मिसाल
यही नहीं इब्राहिम खान ने ज्योत्सना कंवर को घोड़ी पर बैठाकर उसकी बिंदोरी भी निकाली है। जिसकी गांव में भर में चर्चा है। लोगों का कहना है कि यह धार्मिक सद्भाव की अनूठी मिसाल है।
मामा के घर हो रही शादी
बता दें कि ज्योत्सना कंवर शुरू से पलसाना स्थित अपने ननिहाल में ही रह रही है। उसकी शादी भी अब उसके मामा पूरण सिंह गौड के घर से ही हो रही है। ऐसे में इब्राहिम खान ने भी भाईचारे का धर्म निभाते हुए ज्योत्सना की बिंदोरी निकाली।
बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं
इब्राहिम खान ने बताया कि आज बेटा और बेटी के बीच कोई फर्क नही है। हमें बेटा ओर बेटी के बीच कोई फर्क नही रखना चाहिए। ऐसे में शादियों में जिस प्रकार से बेटों के नेगचार किए जाते है वैसे ही बेटियों के भी किए जाने चाहिए।
देर रात तक निकली बिंदोरी
बिंदोरी में डीजे बजाकर ज्योत्सना को घोड़ी पर बैठाकर कस्बे में घूमाया गया। इस दौरान देर रात तक दोनों परिवारों के लोग और मोहल्लेवासी बिंदोरी में नाचते हुए नजर आए।
मुस्लिम परिवार ने दिया बान
राजस्थान की शादियों में दूल्हा दुल्हन को बान देने की परम्परा है, जिसके परिवार और पड़ोसियों के घर पर शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन को विशेष भोजन करवाया जाता है, जिसे बान देना कहा जाता है।
घर से पूरे कस्बे में निकली बिंदोरी
ज्योत्सना की बिंदोरी इब्राहिम खान के घर से शुरू हुई और पलसाना कस्बे के मुख्य बाजारों से होती हुई वापस ज्योत्सना के घर पहुंचकर सम्पन्न हुई। इस दौरान हिन्दू-मुस्लिम दोनों मजहबों के लोग खुशी में जमकर नाचे।
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