सीकर में ऐसी थी आजादी की पहली सुबह, जानिए 15 अगस्त 1947 को क्या-क्या हुआ, किसने फहराया तिरंगा
सीकर। गुरुवार को हिन्दुस्तान अपनी आजादी की 73वीं वर्षगांठ मनाएगा। देशभर में स्वतंत्रता दिवस 2019 को लेकर आयोजन होंगे। आजादी के मतवालों को याद किया जाएगा और देशभक्ति के तराने गाए जाएंगे। इस बीच कई शहर, कस्बों और लोगों के जेहन में आजादी की पहली सुबह 15 अगस्त 1947 की यादें भी ताजा होंगी। आईए जानते हैं सीकर में कैसे मनाया गया था पहला स्वतंत्रता दिवस समारोह।
'आपा आजाद होगा...आपा आजाद होगा...
15 अगस्त 1947 की सुबह सात बजे हैं। सीकर के जाट बाजार स्थित माधव सेवा समिति में वैद्य प्रहलाद राम व मोहनलाल बैठे हैं। अचानक सांवलोदा लाडखानी निवासी आयुर्वेदाचार्य बाल लाडखानी वहां चिल्लाते हुए प्रवेश करते हैं...बोलते हैं...'आपा आजाद होगा...आपा आजाद होगा।'.. बस फिर क्या...। देखते- देखते जश्न का माहौल हो गया और कुछ देर में यह समाचार सीकर के कोने- कोने में आग की तरह फैल गया।
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इसके बाद तो एसके स्कूल व इंटर कॉलेज, सर माधव स्कूल समेत उस दौर की गिनी चुनी स्कूलों के बच्चे एसके स्कूल मैदान पर एकत्रित किए गए। जहां से आजादी की पहली प्रभात फेरी निकाली गई। छोटे- बड़े रास्तों से भारत माता की जयकारों के बीच निकली यह फेरी सुभाष चौक स्थित गढ़ पहुंची। जहां तिरंगा फहराकर पहला स्वतंत्रता दिवस मनाया गया।
15 अगस्त 1947 के आजाद भारत में जिले की यह पहली सुबह आज भी उस दौर के लोगों के जहन में अब भी जिंदा है। इतिहासकार महावीर पुरोहित बताते हैं कि इससे पहले हालांकि 14 अगस्त की रात ही ऑल इंडिया रेडियो पर देश की आजादी की घोषणा देवकी नंदन पांडे ने कर दी थी। लेकिन, नहीं के बराबर लोगों को ही इसकी जानकारी होने के कारण बाल लाडखानी की वही आवाज आजादी का पहला पैगाम मानी जाती है।
पूर्व उद्योग मंंत्री के दादा मंजीत जोशी ने फहराया पहला तिरंगा
सुभाष चौक में स्वतंत्रता दिवस समारोह गोपीनाथ मंदिर के सामने मनाया गया था। जहां पर एकबारगी यह सवाल उठ गया कि ध्वजा रोहण कौन करेगाï? तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष व स्वतंत्रता सेनानी मन्मथ कुमार मिश्र व लादूराम जोशी दोनों ने इसकी इच्छा जाहिर की। जिस पर बाद में राव राजा से ही ध्वजारोहण की आम राय बनी। लेकिन, इसी बीच पंच महाजनन में प्रमुख रहे मंजीत जोशी ने ध्वज की डोरी यह कहकर खींच दी कि 'दरबार को परेशान क्यों किया जाए'।
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इस तरह वे ही जिले में पहले स्वतंत्रता दिवस समारोह का ध्वजा रोहण करने वाले शख्स बन गए। बच्चों को मिठाई बांटने के बाद समारोह का समापन हुआ। यहां यह भी बतादें कि मंजीत सिंह पूर्व उद्योग मंत्री राजेन्द्र पारीक के दादा थे। समारोह में जुगलकिशोर सोमानी, जानकी प्रसाद मारू, पुरोहित स्वरूप नारायण, वारस खां, दीन मोहम्मद, वैद्य हरि प्रसाद, कलन्दर खां, वैद्य प्रहलाद राय, बद्रीनारायण सोढाणी आदि मौजूद रहे।
एक साथ फहरा था तिरंगा और पचरंगा
पहले स्वतंत्रता दिवस के दिन भी सीकर में दो ध्वज लहरा रहे थे। एक देश की आजादी का प्रतीक तिरंगा ओर दूसरा सीकर रियासत का प्रतीक पचरंगा। स्वतंत्रता दिवस का दूसरा समारोह इसी दिन बजाज भवन में आयोजित हुआ। जिसमें वंदेमातरण व भारत माता की जयकारे के बीच गणमान्य लोगों ने स्वतंत्रता दिवस मनाया। इसके बाद से स्वतंत्रता दिवस समारोह एसके स्कूल मैदान में ही आयोजित होता रहा। 70 के दशक से पुलिस लाइन मैदान में ओर पिछले करीब 14-15 साल से जिला खेल स्टेडियम में आयोजित किया जा रहा है।