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मुंबई में भीख मांगने वाला राजस्थान का बिरदीचंद निकला लखपति, बोरियों में भरे मिले रुपए गिनती रह गई पुलिस

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सीकर। राजस्थान के सीकर जिले के रामगढ़ शेखावाटी का बिड़दीचंद आजाद मुंबई की लोकल ट्रेनों में भीख मांगकर पेट भरा करता था। सिर पर छत के नाम पर महज एक झोपड़ी थी। मुफलिसी में जीने वाला बिरदीचंद दुनिया से विदा हो गया। बीते शुक्रवार को उसका मुंबई के गोवंडी रेलवे स्टेशन के पास पड़ा मिला। इसके बाद पूछताछ के आधार मुंबई बिड़दीचंद की झोपड़ी में पहुंची तो दंग रह गई। क्योंकि जो भिखारी बनकर जी रहा था वो लखपति निकला।

8.77 लाख की एफडी के दस्तावेज

8.77 लाख की एफडी के दस्तावेज

बिड़दीचंद की झोपड़ी में मिली बोरियों और थेलियों से लगभग 1.77 लाख रुपए नकद और 8.77 लाख की एफडी के दस्तावेज बरामद हुए हैं। आधार कार्ड, पेन कार्ड सहित अन्य दस्तावेजों के आधार पर बिड़दीचंद की शिनाख्त सीकर जिले के रामगढ़ शेखावाटी के शख्स के रूप में हुई, वहीं जब पुलिस ने उसके बैंक खाते खंगाले तो उसमें 96 हजार रुपए जमा मिले।

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50 साल पहले गए थे कई लोग

50 साल पहले गए थे कई लोग

बिड़दीचंद के दस्तावेजों पर सीकर के रामगढ़ शेखावाटी का पता लिखा था। पुलिस ने सच्चाई पता लगाने के लिए रामगढ़ शेखावाटी पुलिस से सम्पर्क किया। इसके बाद रामगढ़ शेखावाटी थाना पुलिस ने स्थानीय लोगों ने मृतक के बारे में पूछताछ की तो पता चला कि 50 साल पहले कई लोग यहां से मुंबई गए थे। लेकिन कौन-कौन थे इसकी जानकारी नहीं है। ऐसे में अब पुलिस पुराने रिकॉर्ड खंगाल रही है।

अकेला रहता था बिड़दीचंद

अकेला रहता था बिड़दीचंद

रामगढ़ शेखावाटी पुलिस के अनुसार मुम्बई पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि पहले बिड़दीचंद अपने परिजनों के साथ रहता था। बाद में परिजन उसे छोडकऱ चले गए। जिसके बाद वह अकेला ही रहता था। फिर वह मुंबई की लोकल ट्रेनों में भीख मांग कर गुजारा करने लगा। मामले में जीआरपी पुलिस मुंबई की मदद की जा रही है।

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दस लाख का हिसाब किताब मिला

दस लाख का हिसाब किताब मिला

मीडिया रिपोर्टर्स की मानें तो मुंबई पुलिस की पड़ताल में बिड़दीचंद आजाद की झोपड़ी में मिले रुपए व एफडी के दस्तावेज पांच बोरियों और थैलियों में भरे हुए थे। यहां से कुल दस लाख रुपए का हिसाब किताब मिला है, जिन्हें जब्त कर पुलिस ने बिड़दीचंद के वारिसों का पता लगाने में जुट गई है।

Sikar beggar birdichand azad was Lakhpati in Mumbai
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English summary
Sikar's beggar birdichand azad was Lakhpati in Mumbai
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