Rameshwar Lal: नागौर शहीद को बेटे का आखिरी सैल्यूट, बच्चे भी तिरंगे लेकर पहुंचे अंतिम विदाई देने
नागौर। राजस्थान के नागौर जिले के शहीद रामेश्वर लाल जाट को शुक्रवार को अंतिम विदाई दी गई। भारतीय सेना में नायक पद पर कश्मीर में तैनाती के दौरान शहीद हुए रामेश्वर लाल नागौर जिले के कुचामन इलाके के गांव हिरणी की शिवदन पुरा की ढाणी के रहने वाले थे।
दोपहर को हुआ अंतिम संस्कार
गांव हिरणी में गुरुवार दोपहर डेढ़ बजे शहीद रामेश्वर लाल का सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के पांच वर्षीय के बेटे आर्यन और तीन वर्षीय नियान ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। मोक्षधाम में मासूम बेटे ने शहीद पिता को आखिरी सैल्यूट किया तो वहां मौजूद हर शख्स की आंखें भर आई।
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बर्फबारी के दौरान शहीद हुए रामेश्वर लाल
बता दें कि 30 वर्षीय रामेश्वर लाल दो दिन पहले कश्मीर में भयंकर बर्फबारी और हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। उनका शव बर्फ में दबा मिला था। गुरुवार देर रात उनकी पार्थिव देह कुचामन पहुंची थी, जिसे सेना के वाहन में पांचवा रोड पर स्थित आरएनटी स्कूल में रोका गया। शुक्रवार की सुबह साढे आठ बजे शहीद का वाहन काफिले के रुप में रवाना हुआ।
शहीद की पार्थिव देह पर पुष्पवर्षा
शहीद का काफिला जब रवाना हुआ तो पांचवा रोड पर करीब दो हजार युवा काफिले के साथ थे। देखते ही देखते डीडवाना रोड और कुचामन बस स्टेण्ड से यह काफिला दो किलोमीटर से अधिक लंबा हो गया। शहीद के सम्मान में बाजार बंद हो गए और लोगों ने छतों से शहीद पर पुष्पवर्षा की।
भारत माता के जयकारे गूंजे
भारत माता की जयघोष और हाथों में तिरंगा लिए विभिन्न डिफेंस एकेडमियों से प्रशिक्षु सैनिक पैदल ही शहीद वाहन के साथ दौड़ कर देश के युवा होने का संदेश दे रहे थे। शहीद का काफिला कुचामन के सीकर स्टेण्ड होते हुए हिराणी, भांवता से शहीद के घर पहुंचा।
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