सरिता भादू : राजस्थान में 21 साल की वो युवती जो 8 माह में 2 बार निर्विरोध चुनी गई, पहले सरपंच अब सदस्य
बाड़मेर। राजस्थान के सरहदी बाड़मेर जिले में पंचायतीराज चुनाव 2020 में रोचक किस्सा सामने आया है। यहां महज 21 साल की एक युवती 8 माह में दो बार निर्विरोध जनप्रतिनिधि चुनी गई है। पहले सरपंच बनी और अब पंचायत समिति सदस्य। दरअसल, राजस्थान पंचायतीराज चुनाव 2020 जनवरी में हुए थे। बाड़मेर जिले की धोरीमन्ना पंचायत समिति की सूदाबेरी ग्राम पंचायत क ग्रामीणों ने सरिता विश्नोई उर्फ सरिता भादू को निर्विरोध सरपंच निर्वाचित किया था। तब से सरिता विश्नोई बाड़मेर की सबसे युवा सरपंचों में से एक की थीं।
धोरीमन्ना से प्रधान बन सकती है सरिता
सरपंच के बाद पंचायतीराज संस्थाओं के जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्य के चुनाव आ गए। पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव में सरपंच सरिता विश्नोई ने धोरीमन्ना से प्रधान के लिए दावेदारी की। इसके लिए उसे पंचायत समिति सदस्य का चुनाव जीतना जरूरी था। ऐसे में उसने वार्ड 3 से पंचायत समिति सदस्य के पद के लिए नामांकन दाखिल किया, लेकिन ग्रामीणों की सहमति से उसे निर्विरोध पंचायत समिति सदस्य चुन लिया गया। ऐसे में वह आठ माह में ही दो बार निर्विराध जनप्रतिनिधि चुनी जाने वाली पहली महिला बन गई।
एक ही पद पर रह सकते हैं
दरअसल, पंचायतीराज अधिनियम 1994 की धारा 20 (2) के तहत एक पद पर निर्वाचित हाेने के बाद अगर कोई दूसरे पद पर निर्वाचित होता है तो पहला पद स्वत: ही रिक्त हो जाता है। ऐसे में धोरीमन्ना विकास अधिकारी ने आदेश जारी कर सूदाबेरी सरपंच पद से सरिता को हटाकर रिक्त कर दिया है। अब भाजपा का बहुमत हुआ तो सरिता प्रधान की प्रबल दावेदार मानी जा रही है।
पिता नहीं लड़ पा रहे थे चुनाव
बता दें कि ग्राम पंचायत सुदाबेरी की सरपंच रही सुश्री सरिता पुत्री जयकिशन की उम्र 21 वर्ष होते ही वह सरपंच चुनी गई। पिता जयकिशन के चार संतानें है, इसलिए वो खुद चुनाव नहीं लड़ पाए तो बेटी को चुनाव लड़ाया। अब 8 माह बाद भाजपा से धोरीमन्ना प्रधान की चाहत जगी। परिवार में सरिता सबसे बड़ी है, बाकी दो बेटे और एक बेटी की उम्र 21 वर्ष से कम है, ऐसे में चुनाव नहीं लड़ सकते है। ऐसे में पंचायत समिति धोरीमन्ना के वार्ड 3 पंचायत समिति सदस्य के लिए नामांकन दाखिल किया। इस बार गांव के लोगों ने फिर भरोसा जताया और पंचायत समिति सदस्य के लिए भी निर्विरोध सरिता को चुन लिया गया। आपको बता दे कि सरिता महज 8 माह के अंतराल में दो बार निर्विरोध चुनी गई।
सरपंच पद से हटाया
धोरीमन्ना विकास अधिकारी नरेंद्र सोऊ ने धोरीमन्ना पंचायत समिति के वार्ड सदस्यों के लिए मतदान से ठीक एक दिन पहले एक आदेश जारी कर सुदाबेरी सरपंच से सरिता को हटा दिया है, ऐसे में अब सरिता के पास वार्ड 3 से डेलीगेट का पद ही रहेगा। आदेश जारी बताया कि सरिता पुत्री जयकिशन विश्नोई निवासी भादुओं की बेरी के पंचायत समिति धोरीमन्ना के सदस्य वार्ड संख्या 3 की सदस्यता का निर्धारण कर 11 नवंबर से सरपंच पद को रिक्त घोषित किया जाता है।