राजस्थान के बॉर्डर इलाके में सड़कें बनीं रेत के टीले, 50 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कटा
बाड़मेर/जैसलमेर। मानसून की बेरुखी और भौगोलिक परिस्थितियों का असर अब दिखाई देने लगा है। शायद यही वजह है कि सड़कें रेत में गुम हो गई और कई गांव-कस्बों का जिला मुख्यालय से सम्पर्क कट गया। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के बॉर्डर इलाके बाड़मेर-जैसलमेर की, जहां मानसून की जोरदार बारिश होने की पिछले कई दिन से धूलभरी आंधियों का सिलसिला जारी है।
आंधी के कारण हालात ऐसे बन गए हैं कि जगह-जगह रास्ते जाम हो गए। सड़कों पर कई कई फीट रेत जमा हो गई। राजस्थान के थार रेगिस्तान में स्थित बाड़मेर-जैसलमेर में ऐसी स्थिति मानसून के भटकने के कारण हुई है। प्रदेश के अधिकांश में बदरा झूमकर बरस रहे हैं जबकि इन जिलों धूलभरी आंधी चल रही हैं।
जानिए
कौनसी
सड़कें
हो
गई
जाम
जानकारी
के
अनुसार
सड़क
पर
रेत
जम
जाने
के
कारण
फतेहगढ़
से
पोकरण
जाने
वाला
रास्ता
डांगरी
के
पास,
रामा
से
खुहड़ी
की
सड़क,
रासला
से
बडोड़ागांव
सड़क,
रामगढ़
से
आसूतार
का
मार्ग,
रामगढ़
से
लोंगेवाला
के
बीच
भी
सड़क
पर
रेत
ही
रेत
हो
गई
है।
इनके
अलावा
घोटारू
तक
सड़क
संपर्क
टूट
गया
है।
जैसलमेर
से
खुईयाला
गांव
की
सड़क
पर
रेत
के
कारण
बाधित
हो
रहा
है।
लोंगेवाला
से
तनोट
जाने
का
मार्ग
रेत
से
हुआ
अवरुद्ध।
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जोधपुर मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इसका कारण मानसून की टर्फ लाइन का शिफ्ट होना है। इस लाइन के हिमालय की तरफ जाने से बारिश यूपी, बिहार, असम व नेपाल की तरफ जाने लगी है। मानसून के दौरान हवाएं किसी एक जगह पर एकत्र होती हैं और वहां कम दबाव का क्षेत्र बनता है। वहां बादल बनते हैं और हवाओं के साथ नमी भी एकत्र होती है। इससे उन क्षेत्रों में बारिश होती है। सामान्यता यह टर्फ लाइन जुलाई में राजस्थान की तरफ होती है। टर्फ लाइन शिफ्टिंग से राजस्थान में 18 जुलाई तथा जोधपुर में 20 जुलाई तक बारिश की संभावनाएं नहीं। राजस्थान में 1 से 4 जुलाई के बीच मानसून आ गया था। लेकिन अधिकांश हिस्सों में मानसून के 15 दिनों में बारिश नहीं होगी।
50
से
अधिक
गांवों
का
संपर्क
मुख्यालय
से
कटा
रेत
के
बवंडर
ने
जिलेवासियों
की
दिक्कतें
बढ़ा
दी
हैं।
ग्रामीण
क्षेत्रों
में
हालात
और
भी
बदतर
हैं।
जिले
के
50
से
अधिक
गांवों
व
सैकड़ों
ढाणियों
का
संपर्क
मुख्यालय
से
कट
चुका
है।
आवागमन
के
साधन
इन
गांवों
तक
नहीं
पहुंच
रहे
हैं।
जगह-जगह
बिजली
के
पोल
व
तार
टूटकर
गिर
गई
है।
जैसलमेर
के
कई
क्षेत्रों
में
पोल
व
तारे
गिरने
से
कई
गांव
व
ढाणियों
में
बिजली
गुल
हो
गई
है।