सर्वाधिक फौजी देने वाले शेखावाटी में दौड़ेगी सैनिक एक्सप्रेस, सीकर-दिल्ली वाया झुंझुनूं ट्रेन का बदलेगा नाम
Jhunjhunu News, झुंझुनूं. देश को सबसे अधिक फौजी देने अंचल की रेल पटरियों पर अब सैनिक एक्सप्रेस भी दौड़ती नजर आएगी। रेल महकमे ने सीकर-दिल्ली एक्सप्रेस का नाम बदलकर सैनिक एक्सप्रेस रखने का फैसला किया है। इस संबंध में रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने गुरुवार को झुंझुनूं में घोषणा की। इससे पहले सिन्हा ने यहां पर नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम (एनटीईएस) का शुभारंभ किया।
उन्होंने कहा कि झुंझुनूं जिला देशभर में सैनिक जिले के नाम से प्रसिद्ध है। यहां के रणबांकुरों ने देश रक्षा में शहादत भी दी है। इसलिए उनके शौर्य और शहादत को सम्मान देते हुए इस सीकर-दिल्ली के बीच चलने वाली ट्रेन का नाम बदलकर सैनिक एक्सप्रेस (Sainik Express train sikar to delhi ) किया गया है।
सिन्हा ने सीकर-रींगस व अलवर-ढिगावड़ा दोहरीकृत रेलखंड का भी झुंझुनूं स्टेशन से ही रिमोट का बटन दबाकर शुभारंभ किया। इस मौके पर सिन्हा ने कहा कि सीकर-रींगस आमान परिवर्तन का काम पूर्ण कर लिया गया है। पांच मार्च से झुंझुनू से सीकर व चूरू से सीकर तक जाने वाली ट्रेन रींगस तक जाएगी और मई महीने के अंत तक ट्रेन का संचालन जयपुर तक होने लगेगा।
इसी तरह अलवर-ढिगावड़ा रेलखंड के दोहरीकरण का काम भी पूरा कर लिया गया है। दोनों ही रेल परियोजनाओं का आज लोकार्पण किया गया। साथ ही झुंझुनू को एनटीईएस सिस्टम से भी जोड़ दिया गया है। इससे अब यहां के यात्रियों को भी राष्ट्रीय स्तर पर रेलों के समय की जानकारी मिल सकेगी।
कार्यक्रम के दौरान सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने लक्ष्मणगढ़ में तथा झुंझुनूं सांसद संतोष अहलावत ने झुंझुनू के बिसाऊ व चूरू के सरदारशहर स्टेशन पर रेल के ठहराव की मांग की। सांसद अहलावत ने ही संबोधन के दौरान झुंझुनूं से दिल्ली जाने वाली ट्रेन का नाम सैनिक एक्सप्रेस करने की मांग भी की थी।
रेलवे की उपेक्षा का लगाया आरोप
रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि आजादी के बाद से पिछले सालों में कभी रेलवे की ओर ध्यान ही नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की प्रगति के लिए परिवहन सेवाएं अहम होती हैं। उसमें भी रेलवे का महत्वपूर्ण रोल होता है।
सिन्हा ने आरोप लगाया कि हमारे देश में पिछले सालों में रेलवे पर जितना निवेश होना चाहिए था उतना नहीं हो पाया। साथ ही उन्होंने कहा कि 2014 में जनता ने देश में एक बहुत ही बड़ा बदलाव किया। जिसका नतीजा यह हुआ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी केंद्र सरकार ने रेल विकास के क्षेत्र में खूब निवेश किया जिसके चलते रेलवे ने प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुआ।