Shaheed Kamal Kumar : इकलौते भाई की शहादत के बाद छोटी बहन ने रातभर यूं दिखाई हिम्मत
चूरू। राजस्थान के चूरू जिले के तारानगर उपखंड के साहवा का बहादुर बेटा कमल कुमार और झुंझुनूं जिले के खेतड़ी उपखंड के गांव हरड़िया के राजेन्द्र सिंह कश्मीर में हिमस्खलन में शहीद हो गए। दोनों कश्मीर के तंगधार में एलओसी पर तैनात थे। शुक्रवार शाम उनकी पार्थिव देह घर पहुंच सकती है।
सूचना देती तो मां-पिता रोटी नहीं खाते
बुधवार शाम को टीवी पर भाई कमल कुमार के शहीद होने की जानकारी उसकी इकलौती छोटी बहन प्रमिला को मिल गई। लेकिन इस दर्द को उसने सीने में ही दबाए रखा और बदहवाश हो गई। रात को खाना खाकर सो गई। गुरुवार सुबह रोजाना की तरह टीटी कॉलेज के लिए पढऩे के लिए भादरा रवाना हो गई। जिसे उसके रिश्तेदार न देख लिया। उसने बस का पीछा कर भादरा के रास्ते में प्रमिला को साहवा वापस ले आए। जब उससे पूछा तो बताया कि यदि ये जानकारी घर में दे देती तो उसके माता-पिता खाना नहीं खाते।
फौजी का इकलौता बेटा पहली पोस्टिंग में शहीद, पिता गांव में युवाओं को दे रहे सेना भर्ती की ट्रेनिंग
हिमस्खलन में हुए शहीद
बता दें कि कश्मीर के तंगधार में कुपवाड़ा के करनाह सेक्टर में एलओसी पर मंगलवार को पेट्रोलिंग पर थे। इसी दौरान इनकी गाड़ी भयंकर हिमस्खलन की चपेट में आ गई। बर्फ में दबने के कारण चूरू जिले के तारानगर तहसील के साहव के कमल कुमार शहीद हो गए।
पढ़ाई बीच में छोड़ सेना में भर्ती हुआ
शहीद कमलकुमार साहवा में 12वीं कक्षा पास करके बीए प्रथम वर्ष की परीक्षा उतीर्णकरने के बाद पढाई बीच में ही छोड़ दी और 2 जाट रेजीमेंट सेना में भर्ती हो गए। टे्रनिंग के बाद जम्मू कश्मीर के तंगधार क्षेत्र में गत दिनों ही उसकी प्रथम पहली पोस्टिंग हुई थी। जहां पर वह पेट्रोलिंग करते हुए हिमस्खलन से शहीद हो गए।
शहीद के पिता करवा रहे निशुल्क तैयारी
शहीद के पिता धर्मेन्द्रकुमार धींधवाल भी 2 जाट रेजमेन्ट में हवलदार के पद से 30 जून 2016 को सेवानिवृत हुए थे। उसके बाद से वे गांव के युवाओं को सेना भर्ती के लिए निशुल्क दौड़ की तैयारी करवा रहे हैं। जिसके चलते उनकी बेटी प्रमिला भी एथलेटिक्स की अच्छी खिलाड़ी बन कर नेशनल तक खेल चुकी है।
जुलाई में हुई थी सगाई
साहवा के शहीद कमल कुमार की सगाई माह जुलाई 2019 में उसके साथ बीए प्रथम में सहपाठी रह चुकी एक लड़की से हुई थी। जो इस वर्ष बीएड प्रथम वर्ष में अध्ययनरत है तथा बीएड पूर्ण होने पर दोनों के परिजन शादी करना चाहते थे लेकिन नियती को कुछ और ही मंजूर था। कमलकुमार के शहीद होने की सूचना उसके चाचा रमेशकुमार को मिली थी। लेकिन उन्होंने किसी को जानकारी नहीं दी।
झुंझुनूं के राजेन्द्र सिंह और चूरू के कमल कुमार एलओसी पर शहीद, 2018 में भर्ती हुआ था साहवा का लाल