राजस्थान का पहला मामला : 84 वोट से सरपंच चुनाव हारने वाले को ग्रामीणों ने दिए 21 लाख रुपए, जानिए वजह
जोधपुर। सरपंच चुनाव के परिणाम के बाद कई ग्राम पंचायतों से अक्सर तनाव की खबरें आती हैं, मगर राजस्थान सरपंच चुनाव 2020 में अनूठी मिसाल देखने को मिली है। यहां पर हारने वाले प्रत्याशी ने गांव वालों का अनूठे अंदाज में आभार जताया। वहीं, उसके बाद ग्रामीणों ने उनका मनोबल बढ़ाने के लिए जो कदम उठाया वो देशभर में चर्चा का विषय बन गया है।
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नानण ग्राम पंचायत पीपाड़ जोधपुर
सरपंच चुनाव का यह अनूठा मामला राजस्थान के जोधपुर की पीपाड़ पंचायत समिति के गांव नानण का है। यहां पर हारे हुए प्रत्याशी को ग्रामीणों की ओर 21 लाख रुपए की आर्थिक मदद की गई। यह राशि ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से जुटाई है। इसकी वजह गर्व करने लायक है। राजस्थान में संभवतया यह पहला मौका है जब हारे हुए प्रत्याशी को ग्रामीणों की ओर से 21 लाख रुपए दिए गए हों।
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सुंदरी देवी ने दर्ज की जीत
दरअसल, राजस्थान पंचायत चुनाव 2020 के चौथे व अंतिम चरण के तहत जोधपुर जिले की ओसियां, तिंवरी व पीपाड़ की 101 ग्राम पंचायतों में 10 अक्टूबर को पंच-सरपंच चुने गए। पीपाड़ की नानण ग्राम पंचायत में सामान्य महिला सीट होने के कारण इस बार चुनाव मैदान में मकू देवी देवासी, सुंदरीदेवी, प्रियंका और किरण थीं। मकू देवी की जीत लगभग तय मानी जा रही थी, मगर जीत सुंदरी देवी को मिली। सुंदरी देवी को 2051 व मकु देवी को 1967 वोट मिले।
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हार के बाद टूट गया था मनोबल
मामूली अंतर से चुनाव हार जाने के बाद मकु देवी देवासी व उनके परिवार को मनोबल टूट गया। इसके बावजूद उन्होंने चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद सरपंच चुनाव में ग्रामीणों की ओर से मिले समर्थन के चलते धन्यवाद सभा रखी। उसमें उन्होंने सबके लिए भोज का भी आयोजन किया। हार के बाद भी मकु देवासी ने यह कदम उठाया, जिसने ग्रामीणों का दिल जीत लिया।
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थमाया 21 लाख से भरा थाल
चुनाव की हार से मायूस हुए देवासी की ग्रामीणों ने आर्थिक मदद की ठानी। ग्रामीणों ने सभा की और 21 लाख रुपए एकत्रित किए। मकु देवी के पति पूनाराम देवासी के मित्र श्याम चौधरी ने 5.51 लाख और निवर्तमान सरपंच भानाराम जाट ने 1.11 लाख रुपए भेंट किए। अन्य ग्रामीणों ने भी अपनी हैसियत के हिसाब से आर्थिक सहयोग दिया। 21 लाख रुपए से भरा थाल ग्रामीणों ने देवासी को सौंपा।
36 कौम थीं हमारे साथ
मकु देवी के पति पूनाराम देवासी ने बताया कि जोधपुर जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित नानण ग्राम पंचायत में 57 सौ मतदाता हैं। इनमें 22 सौ माली समाज से हैं। सरपंच चुनाव में गांव की 36 कौम हमारे साथ थीं, मगर चुनाव में कुछ मतदाताओं ने अंतिम समय में साथ नहीं दिया।
पिछली बार भी हार गए थे चुनाव
पूनाराम के अनुसार उनके परिवार ने दूसरी बार सरपंच चुनाव लड़ा है। पिछली बार के चुनाव में खुद पूनाराम उम्मीदवार थे। तब इन्हें 450 वोट मिले थे। 600 से ज्यादा वोटों से चुनाव हार गए। इस बार पूनाराम की पत्नी मकुदेवी को हार मिली तो उनके परिवार को मनोबल काफी गिर गया। ऐसे में ग्रामीणों ने 12 अक्टूबर को गांव के महादेव मंदिर परिसर में ग्रामीणों ने सभा कर आर्थिक मदद की है।
तीन भाइयों का संयुक्त परिवार
बता दें कि निम्बाराम देवासी, मांगीलाल देवासी और पूनाराम देवासी तीनों भाइयों का संयुक्त परिवार है। निम्बाराम खुद चुनाव लड़ना चाहते थे, मगर दो से अधिक बच्चे होने के कारण चुनाव नहीं लड़ और छोटे भाई की पत्नी मकुदेवी को प्रत्याशी बनाया।
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