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राजस्थान: अपनी मांग को लेकर अड़े रोडवेज कर्मचारियों ने जारी रखी हड़ताल, मुश्किल में फंसे लाखों यात्री

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जयपुर। राजस्थान में रोडवेज कर्मियों की सोमवार को शुरू हुई हड़ताल के कारण एक साथ 4700 से अधिक बसों के पहिए थम गए। पूरे प्रदेश में यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, शहरी सीमा में बसों का संचालन बंद करने से सिटी बस में यात्रा करने वाले यात्रियों को भी अन्य साधनों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। इधर, अन्य राज्यों, शहरों के बीच व सिटी में चलने वाली निजी बस ऑपरेटरों की बसों में अत्यधिक भीड़ बढ़ गई है। संयुक्त मोर्चे की मांगों पर सरकार की सहमति नहीं बन पाई और वार्ता विफल रहने से कर्मचारी एक दिन की हड़ताल पर चले गए। माना जा रहा है कि समझौता नहीं हुआ तो यह हड़ताल जारी रह सकता है। सोमवार शाम के वक्त भी इस हड़ताल का असर कम नहीं हुआ।

राजस्थान: अपनी मांग को लेकर अड़े रोडवेज कर्मचारियों ने जारी रखी हड़ताल, मुश्किल में फंसे लाखों यात्री

आंकड़ों के अनुसार सरकार से समझौता नहीं हो पाने के कारण संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर 18 हजार से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। रोडवेज के पास खुद की करीब 3600 बसें और अनुबंद पर ली हुई करीब 1050 बसें हैं। रोडवेज की राजस्थान सहित 11 राज्यों में, राजस्थान सीमा में एक-दूसरे शहरों में व विभिन्न शहरों की सीमा के भीतर चलने वाली लो फ्लोर बसों में एक दिन में 12 लाख से अधिक यात्री यात्रा करते हैं। वहीं रोडवेज बसें 16.5 लाख किलोमीटर रोजाना दौड़ती हैं, जिनसे रोडवेज को 5.5 करोड़ की आय होती है। प्रदेश के सभी बस अड्डों से यात्री परेशान और निराश होकर लौट रहे हैं। हाईवे से लेकर शहरी सड़कों पर भी यात्री निजी बस ऑपरेटरों की बसों या अन्य साधनों को तलाशते नजर आ रहे हैं।

इधर, प्रशासन ने नाराज रोडवेज कर्मचारी के डर से कि कहीं निजी बसों के साथ तोड़फोड़ ना कर दें, इसके लिए संवेदनशील जगहों पर पुलिस तैनात कर दी है। राजधानी जयपुर में भी हड़ताल का खासा असर देखने को मिला है। सिंधी कैम्प बस अड्डे से रोजाना औसतन 50 हजार से अधिक यात्री इधर-उधर जाने के लिए रोडवेज की बस पकड़ते हैं, ये सभी यात्री यात्रा नहीं कर पा रहे हैं। सरकार ने व्यवस्था के तहत निजी बसों को अस्थाई परमिट जारी करने के आदेश दिए हैं। सरकार ने सख्ती बरतते हुए हड़ताल पर गए कर्मचारियों को वेतन नहीं देने की भी चेतावनी दे दी है। मोर्चा की मुख्य मांगों में सातवां वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, बकाया एरियर का भुगतान आदि हैं। जिसपर अब तक कोई बात नहीं बन पाई है।

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English summary
roadways bus employees strike against goverment for their demands in jaipur
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