Rajasthan HC: आसाराम की 'मैं 80 साल का वृद्ध, 2013 से जेल में हूं' वाली अर्जी स्वीकार, जनवरी में होगी सुनवाई
जोधपुर। पिछले 7 साल से राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद आसाराम को सोमवार को बड़ी राहत तब मिली जब राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम की जल्द सुनवाई वाली अर्जी को स्वीकार कर लिया, आसाराम ने अपनी अर्जी में अपनी उम्र की दलील देते हुए कहा है कि मैं 80 साल का वृद्ध हूं और साल 2013 से जेल में बंद हूं इसलिए मेरी अर्जी पर सुनवाई जल्द से जल्द हो।
वरिष्ठ अधिवक्ता जगमाल चौधरी और अधिवक्ता प्रदीप चौधरी ने आसाराम की यह अर्जी की खण्डपीठ में पेश की थी। हाई कोर्ट जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस रामेश्वर लाल व्यास की कोर्ट ने आसाराम की अर्जी स्वीकार करते हुये जनवरी 2021 के तीसरे सप्ताह में सुनवाई का टाइम दिया है।
आसाराम को छिंदवाड़ा आश्रम अरेस्ट किया गया था
मालूम हो कि यौन उत्पीड़न के मामले में साल 2013 में आसाराम को मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा आश्रम अरेस्ट किया गया था, 25 अप्रैल, 2018 को आसाराम को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई थी। पिछले सात सालों से आसाराम को बेल नहीं मिली है। जून 2020 में भी आसाराम ने अपनी जमानत अर्जी दी थी, जिसे गुजरात हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए कहा था कि आसुमल हरपलानी उर्फ आसाराम बापू को अस्थायी जमानत नहीं दी जाएगी क्योंकि, इन दिनों यदि वो बाहर आए तो उनके अनुयायी बड़ी संख्या में मिलने पहुंचेंगे और कोरोना का संक्रमण फैलने का खतरा उत्पन्न हो जाएगा।
गांधीनगर में भी बलात्कार का मुकदमा दर्ज
आपको बता दें कि आसाराम के खिलाफ गांधीनगर अदालत में भी बलात्कार का मुकदमा चल रहा है हालांकि उन्होंने विभिन्न आधारों पर चार महीने के लिए अस्थायी जमानत की मांग की थी लेकिन कोरोना संक्रमण का हवाला देकर उनकी अर्जी को खारिज कर दिया गया था।
बाप-बेटे दोनों ही जेल में, नई मिली बेल
बता दें कि अरबों की संपत्ति के मालिक आसाराम का बेटा नारायण साईं भी उम्रकैद की सजा काट रहा है, 30 अप्रैल 2019 को नारायण साईं को सूरत की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। वह सूरत की लाजपुर जेल में बंद हैं। आसाराम जब से जेल में है, तब से बहुत बार उसने जेल से बाहर आने की कोशिशें कीं, लेकिन अभी तक जमानत ही नहीं मिल पाई है।
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