राजे ने की आदिवासी दिवस पर अवकाश की घोषणा, अब कांग्रेस परेशान
जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आदिवासी कल्याण दिवस पर अवकाश की घोषणा कर कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले जनजातीय (अनुसूचित) क्षेत्रों के वोटरों को लुभाने का प्रयास किया है। उनकी घोषणा के कुछ घंटों में ही अनुसूचित क्षेत्र के जिला कलक्टरों को दो दिन के स्थानीय अवकाश देने के अधिकार को बढ़ाकर तीन दिन का कर दिया गया। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार राजे की इस घोषणा से कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है।
वसुंधरा राजे 'राजस्थान गौरव यात्रा' के तहत जनजाति क्षेत्र बांसवाड़ा जिले के घाटोल में पहुंची। यहां उन्होंने सभा में आदिवासी कल्याण दिवस पर बृहस्पतिवार (9 अगस्त) को छुट्टी की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आदिवासी दिवस भी जोर शोर से मनाया जाएगा। इसके बाद राजस्थान सामन्य प्रशासन विभाग ने अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों के जिला कलक्टरों के एक दिन की और छुट्टी देने के अधिकार बढ़ाने को लेकर आदेश जारी कर दिया। अब संबंधित जिलों में लगे कलक्टर दो की जगह तीन छुट्टियां दे सकेंगे। आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि बाद में संबंधित तिथि के दिन राज्य सरकार द्वारा कोई राजपत्रित अवकाश घोषित किया जाता है, तो भी ये अधिकार अपरिवर्तनीय रहेंगे।
गौरतलब है कि वोटों के लिहाज से जनजाति क्षेत्रों को हमेशा कांग्रेस का गढ़ माना गया है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार राजस्थान के चुनावी परिप्रेक्ष्य में देखें तो कांग्रेस ग्रामीण क्षेत्रों में खासकर जनजातिय क्षेत्रों में पकड़ बनाए हुए है। गुजरात के विधानसभा चुनाव में यही देखनो को मिला था। राजस्थान में भी विधानसभा चुनावों में अनुसूचित जाति क्षेत्रों के परिणाम कांग्रेस के पक्ष में रहते हैं। वसुंधरा राजे ने यह घोषणा कर अनुसूचित जातियों के वोटरों को भाजपा की ओर मोड़ने के प्रयास किए हैं। राजस्थान में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।