पहले पुलवामा और अब उरी में दी शहादत, दो माह में दो बेटे हुए शहीद, सब कर रहे इस जगह को सैल्यूट
Rajasamand News राजसमंद। पाक ने जब-जब भी नापाक हरकत की है, तब-तब राजस्थान के राजसमंद के फौजी बेटों ने बहादुरी दिखाई है। यही वजह है कि महज दो माह में ही यहां के दो बेटे हिन्दुस्तान पर मर मिटे हैं।
राजस्थान के परवेज काठात उरी बॉर्डर पर PAK फायरिंग में शहीद, फौजियों की खान है यह मुस्लिम परिवार
इससे पहले 2016 में हुए उरी हमले में भी राजसमंद का बेटा शहीद हो चुका है। उस समय हुए उरी आतंकी हमले के दौरान राजसमन्द जिले के भीम क्षेत्र के राजवा गांव के निम्ब सिंह रावत शहीद हुए थे। राजसमंद जिला कलेक्टर अरविन्द पोसवाल के अनुसार शहीद परवेज काठात के जम्मू कश्मीर के उरी में पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में शहीद होने की सूचना मिली है।
परवेज काठात का जन्म 7 जनवरी 1990 को शेखावास गांव के मांगू काठात के घर हुआ। परवेज बचपन से ही भारतीय सेना में जाकर दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब देने का ख्वाब देखा करते थे। 16 नवम्बर 2009 को परवेज काठात भारतीय सेना की 5 ग्रेनेडियर में भर्ती हुए। इनके दो बेटे एवं एक बेटी है।
वीरासत में मिली फौज ज्वाइन करने की सीख
शहीद परवेज का परिवार फौजियों की खान है। इनके पिता मांगू काठात भी 05 ग्रेनेडियर में हलवदार के पद से रिटायर हो चुके हैं। शहीद परवेज के बड़े भाई इकबाल काठात 16 ग्रेनेडियर में तैनात हैं। वहीं शहीद परवेज के चाचा लतीफ भी भारतीय सेना की 05 ग्रेनेडियर में सेवारत हैं। उरी में शेखावास के लाल के शहीद होने की सूचना मिलने पर गांव में शोक की लहर दौड़ गई।