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Raja Man Singh Murder Case Verdict : जब निर्दलीय MLA ने राजस्थान CM का हेलीकॉप्टर जीप से तोड़ डाला

By कपिल चीमा
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भरतपुर। राजस्थान में सियासी संकट चल रहा है। अशोक गहलोत-पायलेट आमने-सामने हैं। इस बीच 35 साल पुराना 'राजनीतिक दंगल' राजा मानसिंह हत्याकांड सुर्खियों में है। वजह है राजा मानसिंह हत्याकांड में साढ़े तीन दशक बाद फैसला आया है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मथुरा में सीबीआई कोर्ट ने 11 पुलिसकर्मियों को दोषी माना है। बुधवार को इनकी सजा का ऐलान होगा।

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Raja Man Singh Murder Case Verdict : जब निर्दलीय MLA ने राजस्थान CM का हेलीकॉप्टर जीप से तोड़ डाला
जानिए क्या है राजा मानसिंह हत्याकांड

जानिए क्या है राजा मानसिंह हत्याकांड

20 फरवरी 1985 का दिन। पूरा सूबा कड़ाके की ठंड से जूझ रहा था। राजस्थान विधानसभा चुनाव सिर पर थे। भरतपुर राज परिवार के सदस्य राजा मानसिंह तब तक डीग से 7 बार निर्दलीय विधायक रह चुके थे। चुनाव में राजा मानसिंह के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने एक सेवानिवृत्त आईएएस विजेंद्र सिंह को टिकट देकर मैदान में उतारा।

 पहले मंच तोड़ा फिर हेलीकॉप्टर

पहले मंच तोड़ा फिर हेलीकॉप्टर

20 फरवरी 1985 को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजा मान सिंह के पोस्टर झंडे और बैनर फाड़ दिए थे जिससे राजा मानसिंह काफी नाराज हो गए। तब वहां कांग्रेस शासित राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर हेलीकॉप्टर से डीग में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करने आए थे। आक्रोशित राजा मानसिंह अपनी जीप को लेकर सभा स्थल पर पहुंच गए और मंच को तोड़ दिया। उसके बाद मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर को भी अपनी जीप से तोड़ डाला। अचानक हुए इस घटनाक्रम से इलाके में तनाव पैदा हो गया था। भारी पुलिस जाब्ता तैनात करने के साथ-साथ कर्फ्यू भी लगाना पड़ा।

 हेलीकॉप्टर तोड़ेने के अगले दिन हुआ राजा मानसिंह हत्याकांड

हेलीकॉप्टर तोड़ेने के अगले दिन हुआ राजा मानसिंह हत्याकांड

जीप से सीएम का हेलीकॉप्टर तोड़े जाने की घटना के अगले दिन यानी 21 फरवरी 1985 को राजा मानसिंह अपनी जीप में सवार होकर समर्थकों के साथ पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने पहुंच रहे थे। तभी डीग कस्बे की अनाज मंडी इलाके में डीएसपी कानसिंह भाटी के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात थाा। पुलिस ने राजा मानसिंह को वहीं रोक लिया। पुलिस ने राजा मानसिंह और उसके समर्थकों पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें राजा मानसिंह के साथ ठाकुर सुमेर सिंह और ठाकुर हरिसिंह की मौत हो गई। इस हत्याकांड के बाद राजा मानसिंह की पुत्री कृष्णेंद्र कौर दीपा ने डीएसपी कान सिंह भाटी सहित पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया और सीबीआई से जांच करवाई।

 भरतपुर की बजाय मथुरा में इसलिए हुई सुनवाई

भरतपुर की बजाय मथुरा में इसलिए हुई सुनवाई

कृष्णेंद्र कौर दीपा खुद भी कई बार और सांसद चुकी हैं। भाजपा सरकार में पर्यटन मंत्री भी रहीं। राजस्थान में मामले की जांच प्रभावित नहीं हो। इसके लिए कृष्णेंद्र कौर दीपा ने कोर्ट में अर्जी लगाकर मामले की जांच पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में सीबीआई से करवाई। मथुरा जिला न्यायालय में सीबीआई कोर्ट लगती रही और करीब 35 वर्षों तक मामले की जांच व सुनवाई चली।

 राजा मानसिंह हत्याकांड के तीन आरोपी हुए थे बरी

राजा मानसिंह हत्याकांड के तीन आरोपी हुए थे बरी

मंगलवार को मामले की सुनवाई में डीएसपी कानसिंह भाटी समेत 11 पुलिसकर्मियों को सीबीआई कोर्ट ने राजा मानसिंह की हत्या का दोषी माना है। चार आरोपी पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है। राजा मानसिंह की पुत्री कृष्णेंद्र कौर दीपा ने कहा कि उनके पिता की हत्या के दोषियों को सजा तक पहुंचाने में करीब 1700 बार तारीख पड़ी हैं। कई बार जज बदले हैं। सीबीआई ने कोर्ट में 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ चालान पेश किया था। चार आरोपियों की मौत हो गई और तीन आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।

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English summary
Raja ManSingh Murder Case verdict : When an Independent MLA broke Rajasthan CM helicopter from a jeep
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