VIDEO : अब सिरोही के पूर्व महाराजा का दावा-'हम हैं श्रीराम के वंशज, हमारे पास 100 पीढ़ियों की सूची'
सिराेही। भगवान श्रीराम के वंशज होने की राजस्थान के पूर्व राजघरानों में होड़ सी लगी हुई है। जयपुर और उदयपुर के पूर्व राजघरानों के बाद अब सिरोही के राजपरिवार ने भी दावा किया है कि वे भगवान श्रीराम के वंशज हैं। सिरोही के पूर्व महाराजा रघुवीर सिंह का तो यहां तक कहना है कि उनके पास 100 वंशजों की पूरी सूची है और यदि सुप्रीम कोर्ट उन्हें बुलाती है तो वे सबूतों के साथ पेश होंगे। उनकी ओर से यह भी दावा है कि राजस्थान श्रीराम के वंशजों की कर्मभूमि है।
इसलिए कर रहे वंशज होने का दावा
दरअसल, 5 अगस्त 2019 से सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर को लेकर नियमित सुनवाई शुरू हुई थी। 9 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की ओर से भगवान राम के वकील से यह पूछा गया कि अयोध्या या फिर दुनिया में कहीं भगवान राम का वंशज है या नहीं? इस पर वकील की ओर से यह जवाब दिया गया कि हमें इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन पहले राजस्थान के जयपुर और फिर उदयपुर राजपरिवार के बाद सिरोही राजघराने की ओर से उनके वंशज होने का दावा किया जा रहा है।
हमारे पास हैं सबूत-सिरोही के पूर्व महाराजा
सिरोही
के
पूर्व
महाराजा
व
इतिहासकार
के
जानकार
रघुवीर
सिंह
देवड़ा
का
दावा
है
कि
लक्ष्मण
के
पड़
पौत्र
मालव
हुआ
करते
थे,
जिन्होंने
मूलस्थान
यानी,
आज
मुल्तान
है
उसे
राजधानी
बनाया
और
हम
लोग
उन्हीं
के
वंशज
हैं।
मालव
व
सिकंदर
के
बीच
युद्ध
के
बाद
की
गणना
की
जाए
तो
हम
100वीं
पीढ़ी
या
वंशज
हैं।
पहले
मालव
हुए
और
बाद
में
चौहान
और
अब
देवड़ा।
उनका
यह
भी
दावा
है
कि
इन
100
पीढिय़ों
और
वंशजों
की
सूची
उनके
पास
है।
यदि
सुप्रीम
कोर्ट
उन्हें
बुलाती
है
तो
वे
सबूतों
के
साथ
पेश
होंगे
और
यह
बताएंगे
कि
वे
श्रीराम
के
वंशज
हैं।
सिरोही पूर्व महाराजा रघुवीर सिंह ने दिए तीन सबूत
1.
जब
गुप्त
साम्राज्य
भी
समाप्त
हो
गया
तो
आबूरोड
स्थित
वशिष्ठ
आश्रम
में
कुछ
लोग
यहां
पहुंचे।
जहां
चव्हार,
परिहार,
परमार
व
सोलंकी
चारों
को
अलग-अलग
राज्य
सौंपे
गए।
2.
मालव
वंशज:
यह
सत्य
है
कि
मालव
लक्ष्मण
के
पड़
पौत्र
थे।
मालव
के
बाद
विक्रमादित्य
व
चंद्रगुप्त
मौर्य
का
शासन
आया,
जो
इन्हीं
के
वंशज
थे।
3.
पृथ्वीराज
चौहान
की
मृत्यु
के
बाद
1200
में
सिरोही
स्टेट
की
स्थापना
हुई।
उत्पति
मालव
वंश
से
हुई,
जो
बाद
में
1228
में
चौहान
हुए
और
अब
देवड़ा।
सिरोही स्टेट की स्थापना के बाद 75वां राजा बना
पूर्व महाराज देवड़ा ने बताया मालव वंश की बात करें तो सिकंदर के समय तक मूलस्थान राजधानी तक वे रहे। 323 ईसा पूूर्व में मालव व सिकंदर के बीच युद्ध हुआ। 1206 में सिरोही स्टेट की स्थापना हुई थी। सबसे पहले माणिंगराय हुए थे और वहां से हमारी 38वीं पीढ़ी हूंं। मेरे पड़ दादा महाराजा केसरसिंह 35वीं पीढ़ी। 1206 से मालव वंश की 75वीं और 323 ईसा पूर्व से गणना करें तो लक्ष्मण के पड़पौत्र की 100वीं पीढ़ी। पूर्व महाराज रघुवीर सिंह ने जयपुर और उदयपुर राजघराने के भी श्रीराम के वंशज होने की पुष्टि करते हुए बताया कि जयपुर कुश और उदयपुर के पूर्व महाराज महेंद्रसिंह लव के वंशज हैं। इसके प्रमाण भी हैं।